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टेरर फंडिंग केस में ED की बड़ी कार्रवाई, लश्कर चीफ हाफिज सईद समेत कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

टेरर फंडिंग केस में ED ने लश्कर -ए-तैयबा ( Lashkar-e-Taiba ) चीफ के खिलाफ की कार्रवाई मोहम्मद हाफिज सईद, उसके डिप्टी शाहिद महमूद समेत कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

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Kaushlendra Pathak

Oct 02, 2020

ED Files Chargesheet Against Hafiz Saeed

ED ने हाफिज सईद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है।

नई दिल्ली। फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन ( FIF ) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लश्कर-ए-तैयबा के चीफ मोहम्मद हाफिज सईद, उसके डिप्टी शाहिद महमूद और दुबई के फंड्स मैनेजर मोहम्मद कामरान और दिल्ली के हवाला ऑपरेटर मोहम्मद सलीम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

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FIF का इस्तेमाल करता है लश्कर- ED

दरअसल, एजेंसी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच के आधार पर 2018 में गिरफ्तार मोहम्मद सलमान और मोहम्मद सलीम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। गुरुवार को ईडी की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया कि सलमान फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की तरफ से अवैध हवाला चैनल्स के जरिए फंड पाने वालों में शामिल रहा। एफआइएफ एक पाकिस्तानी संगठन है, जिसे जमात-उद-दावा की तरफ से बनाया गया था, जो लश्कर-ए-तैयबा का पैरेंट ऑर्गेनाइजेशन है। इसे हाफिज सईद ने बनाया था। एफआइएफ को 2012 के मार्च में संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित किया था। भारत ने 2016 के अगस्त में ही एफआइएफ को अवैध गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। ईडी ने कहा था कि लश्कर, फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन का इस्तेमाल फंड बनाने और आतंकी गतिविधियों के नेटवर्क बनाने में कर रहा है। एजेंसी को जांच के दौरान यह पता चला कि फंड्स को पाकिस्तान से दुबई भेजा जाता था और फिर उसके बाद ये हवाला चैनलों के जरिए भारत पहुंचता था।

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हवाला चैनलों के जरिए भारत पैसा पहुंचाता है एफआईएफ

यहां आपको बता दें कि एफआईएफ को लेकर भारतीय एजेंसियां और यूएन का कहना है कि यह जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा है, ताकि प्रतिबंधों से बचा जा सके। जिसका काम है हवाला चैनलों के जरिए चीजों को भारत पहुंचाना। अब देखना ये है कि इस मामले में ED अब किस तरह की कार्रवाई की करती है।


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