
नई दिल्ली। भारत-चीन-रूस की वर्चुअल बैठक ( RIC Meet 2020 ) में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ( Indian Foreign Minister S. Jaishankar ) ने सतत विश्व के निर्माण की बात कही। उन्होंने कहा कि विश्व नेतृत्व की आवाज सबके हित में उठनी चाहिए। Jaishankar इन आवाजों को सबके लिए एक मिसाल बनना होगा। अपने समकक्षों ( RIC foreign ministers )के साथ बैठक में हिस्सा ले रहे विदेश मंत्री ( Foreign Minister ) ने कहा कि सबके हित की बात करने पर ही एक सतत विश्व का निर्माण होगा। इस दौरान जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों (international law ), बहुपक्षीय समर्थन व सहयोगियों के हितों का खयाल रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन सब पक्षों पर काम करने के बाद ही एक टिकाऊ वैश्विक व्यवस्था का निर्माण हो सकेगा।
दरअसल, तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह एक वर्चुअल मीट थी। इसमें विदेशमंत्री एस जयशंकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने समकक्षों के साथ हिस्सा ले रहे थे। बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि 'आरआईसी की यह बैठक अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों में हमारे विश्वास की परिचायक है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा समय में इन चुनौती सिद्धांत और नियम को बराबरी के साथ पालन करने की जरूरत है। आपको बता दें कि इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री भी भाग ले रहे थे। गलवान घाटी में भारत—चीन सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद माना जा रहा था कि चीन इस बैठक में हिस्सा नहीं लेगा। लेकिन भारत ने बैठक में शामिल होने का निर्णय लिया।
माना जा रहा है कि भारत—चीन के बीच पैदा हुए तनाव के बीच रूस ने दोनों देशों से संपर्क किया और सीमा विवाद के समाधान पर बातचीन करने का आग्रह किया। अपने संबोधन के अंत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बैठक बुलाने के लिए रूस को विशेष धन्यवाद दिया।
Updated on:
23 Jun 2020 10:49 pm
Published on:
23 Jun 2020 10:38 pm
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