
कृषि बिलों के विरोध में किसान संगठनों ने किया कर्नाटक बंद का आह्वान
नई दिल्ली। कर्नाटक में किसान संगठनों ने बीएस येदियुरप्पा सरकार की ओर से पेश कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) और भूमि सुधार अधिनियमों में संशोधन के विरोध में सोमवार को कर्नाटक बंद ( Karnataka Bandh ) का आह्वान किया है। प्रदेश सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए किसान संगठन प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं।
हालांकि ये प्रदर्शन शांति से किया जा रहा है। दुकानदारों को किसान संगठन फूल देकर दुकानें बंद रखने को कह रहे हैं। किसानों के इस बंद को विपक्षी पार्टी कांग्रेस और जद (एस) का साथ मिला है। वहीं किसानों के इस विरोध प्रदर्शन में कई कई कन्नड़ संगठन भी साथ आए हैं। किसान संगठनों के बंद के चलते कई सेवाओं पर असर पड़ा है।
किसान संगठनों के बंद के आह्वान के कारण प्रदेश में कई सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हैं। कई ट्रांसपोर्ट्स, टैक्सी और ऑटो रिक्शा यूनियंन ने भी इस बंद का समर्थन किया है, जिसके चलते उनकी सोमवार को उनकी सर्विस प्रभावित होगी।
यही नहीं प्राइवेट बसों की सर्विस भी प्रभावित है। जबकि सरकारी बस, मेट्रो सेवा चलती रहेगी।
कन्नड़ संगठनों को मिला साथ
किसान संगठनों के बंद को जहां राजनीतिक दलों खासतौर पर विपक्षी दलों का साथ मिला है वहीं दूसरी तरफ कई कन्नड़ संगठन भी साथ आए हैं।
समर्थन देते हुए प्रो कन्नड़ आउटफिट ने कहा है कि बंद के दौरान वो बस सेवाओं को बाधित करेंगे। वहीं जरूरी सेवाओं को प्रभावित नहीं किया जाएगा।
किसानों के अलावा श्रम कानूनों में संशोधन का विरोध करने वाले कई श्रमिक संगठनों ने भी इस बंद के समर्थन की घोषणा देने की घोषणा की है।
बंद का असर
किसानों के आह्वान का प्रदेश में असर दिखाई दे रहा है। किसान संगठन हुबली में दुकानदारों को फूल भेंट करते दिखाई दिए। संगठनों ने दुकानदारों और व्यापारियों से राज्यव्यापी बंद का समर्थन करने का अनुरोध किया हैं।
वहीं हासन में किसानों का विरोध और प्रदर्शन देखने को मिला। हेमवती की मूर्ति के सामने अखिल भारतीय किसान सभा और अन्य संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन किया।
उधर प्रदेश सरकार ने साफ कहा है कि बंद के दौरान सरकारी संपत्ति और जरूरी सेवाओं को बाधित या फिर नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विरोध के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो इसके लिए 10 हजार अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि जनजीवन से संबंधित कार्यालयों और प्रतिष्ठानों के संचालन में कोई बाधा ना आए। यही नहीं जबरन बंद करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
Published on:
28 Sept 2020 09:49 am
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