scriptSamyukt Kisan Morcha का ऐलान- किसानों का उत्पीडऩ रुकने तक सरकार से कोई बातचीत नहीं | Farmer Protest: no formal talks with the government till the harassment of farmers stops | Patrika News

Samyukt Kisan Morcha का ऐलान- किसानों का उत्पीडऩ रुकने तक सरकार से कोई बातचीत नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Feb 02, 2021 09:28:34 pm

Submitted by:

Mohit sharma

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना प्रदर्शन जारी
संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

किसानों का ऐलान- किसानों का उत्पीडऩ रुकने तक सरकार से कोई औपचारिक बातचीत नहीं

किसानों का ऐलान- किसानों का उत्पीडऩ रुकने तक सरकार से कोई औपचारिक बातचीत नहीं

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में ( Protest Against Agriculture Law ) किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ( Samyukt Kisan Morcha ) ने ऐलान किया है कि जब तक पुलिस और प्रशासन किसानों का उत्पीडऩ ( Farmer harassment ) बंद नहीं करेगी, जब तक केंद्र सरकार के साथ कोई औपचारिक बातचीत नहीं की जाएगी। किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा कि आंदोलन का दमन करने के लिए भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा किसानों की रोकथाम के लिए बैरिकेडिंग बढ़ाई जा रही है, सड़कों पर लोहे की नुकीली कीलें लगाई जा रही हैं, मार्गों को कंटीले तारों से बंद किया जा रहा है, इंटरनेट सेवाएं बंद की जा रही हैं। यहां तक कि किसानों पर सरकार द्वारा नियोजित हमलें भी किए जा रहे हैं।

West Bengal: एक समारोह में ममता बनर्जी ने किया डांस, VIDEO सोशल मीडिया पर वायरल

किसानों को देशभर से मिल रहे समर्थन से डरी हुई सरकार

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लगभग चालीस किसान यूनियनों के इस संयुक्त किसान मोर्चा ने कि सरकार पर लगातार इंटरनेट बंद करने, किसान आंदोलन से जुड़ी वेबसाइट करने और ट्वीटर अकाउंट ब्लॉक कर लोकतंत्र पर हमला करने का आरोप भी लगाया। जानकारी के अनुसार किसान आंदोलन को लेकर झूठी या भ्रामक खबर फैलाने को लेकर सरकार के कहने पर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्वीटर ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए लगभग 250 अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया। इस पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार किसानों को देशभर से मिल रहे समर्थन से डरी हुई है। आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान पिछले ढ़ाई महीने से दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

26 जनवरी वाली घटना से पुलिस ने लिया सबक, इस बार किसानों को रोकने के लिए किए ये खास इंतजाम

औपचारिक बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सोमवार को बुलाई गई बैठक में तय किया गया कि अब सरकार के साथ तब तक कोई औपचारिक बातचीत नहीं की जाएगी, जब तक पुलिस और प्रशासन किसानों पर कर रहे अत्याचार को बंद नहीं करते। इसके साथ ही मोर्चा ने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से औपचारिक बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं आया है। हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि जब तक कानूनी कार्यवाही के दौरान गिरफ्तार किए गए किसानों को बिना किसी शर्त के छोड़ा नहीं जाता तब तक कोई वार्ता नहीं की जाएगी।

किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने अपनाया यह हथकंडा, देखें वीडियो

सरकार किसानों से केवल एक कॉल की दूरी पर

आपको बता दें कि बजट से पहले शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार ने किसानों को डेढ़ साल के लिए कृषि कानूनों को निलंबित करने का प्रस्ताव दिया था, जिस पर सरकार अभी भी बरकरार है। इसके साथ ही केंद्र किसानों से जुड़े हर मसले पर दिल खोलकर बातचीत करने के लिए तैयार है। सरकार किसानों से केवल एक कॉल की दूरी पर है। किसान जब चाहते फोन करके कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को वार्ता के लिए बुला सकते हैं।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x7z274b
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो