
Farmer Protest: Supreme Court says that public roads shouldn't be blocked in protests
नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते चार महीने से किसान संगठन लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाली तमाम मुख्य सड़कें किसान आंदोलन की वजह से बंद है, ऐसे में आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली से गाजियाबाद आने के लिए सड़क खुली है, लेकिन दिल्ली की तरफ जाने वाली सड़कों को एहतियातन अभी नहीं खोला गया है। किसान आंदोलन के शुरुआती दिनों में नोएडा की तमाम सड़कें भी बाधित रहीं। इसके खिलाफ एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए सड़कों को खुलवाने की मांग की थी।
अब इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन के दौरान सार्वजनकि सड़कों को बंद नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सड़कों पर यातायात का मुक्त प्रवाह होना चाहिए। बता दें कि महिला ने अपना याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि नोएडा और दिल्ली के बीच बिना प्रभावित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़कों को खाली कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी की जाए।
कई महीनों से बंद हैं सड़कें
आपको बता दें कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संगठन बीते चार महीनों से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं और इस वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है।
तमाम किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर अडे हैं, वहीं सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं पर कानून वापस नहीं होंगे। ऐसे में किसान संगठनों की ओर से दिल्ली को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों पर बैठक किसान आंदोलन कर रहे हैं।
लिहाजा, हर दिन अलग-अलग शहरों से दिल्ली में अपने-अपने ऑफिस आने-जाने वाले कर्मचारियों, व्यापारियों और अन्य आम लोगों को वैकल्पिक रास्ते का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे काफी परेशानी हो रही है।
मालूम हो कि इससे पहले शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भी प्रदर्शन के दौरान सड़क बंद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी और कहा था कि आंदोलन करना आपका अधिकार है, लेकिन सड़कों को बंद कर दूसरे लोगों को परेशानी में डालने का अधिकार नहीं है।
Updated on:
09 Apr 2021 05:23 pm
Published on:
09 Apr 2021 05:20 pm
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