सरकार से अब तक रही बेनतीजा बताचीत के बीच किसान संघ एक बार फिर बैठक के लिए तैयार है। किसान संघों का कहना है कि वे हमेशा सरकार से वार्ता को तैयार है, लेकिन अब तक हुई बैठकों के परिणाम के बाद उन्होंने सरकार से बातचीत के लिए तीन शर्तें रखी हैं। इसके तहत
2. किसान संघों का कहना है कि सरकार अब बातचीत करना चाहती है तो उन्हें एक नया एजेंडा तैयार करना होगा। इसी नए एजेंडे पर ही बातचीत होगी।
3. किसानों ने सरकार से बातचीत के लिए अपनी तीसरी जो शर्त रखी है उसके मुताबिक अब जो बातचीत हो वो तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने पर ही केंद्रित होनी चाहिए।
कुल मिलाकर किसान संघों का कहना है कि सरकार इन तीन शर्तों को मानती है तो ही बातचीत संभव है।
अब तक सरकार और किसान संघों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि इनमें से एक भी बातचीत के बाद कोई नतीजा सामने नहीं आया है। आपको बता दें कि प्रदर्शनकारी किसानों की 40 यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत की अगुवाई तोमर कर रहे हैं।
किसानों से बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र तोम की टीम में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं। एआईकेएससीसी के सचिव अविक साहा ने कहा कि सरकार बार-बार खारिज किए गए तर्क को सामने ला रही है। किसान वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन तीनों कृषि अधिनियमों और बिजली संशोधन विधेयक 2020 को वापस लेना होगा।
किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून के मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है। किसान मंगलवार को आंदोलन की आगे की रणनीति तय करेंगे, इसके लिए किसान नेताओं की अहम बैठक होनी है। किसानों की बैठक के बाद आंदोलन तेज करने का फैसला लिया जा सकता है।