
नई दिल्ली। किसानों के बड़े नेता और राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया चौधरी अजित सिंह के कोरोना से जंग हार जाने की खबर बृहस्पतिवार को जब गाजीपुर बार्डर पर आंदोलनरत किसानों को मिली तो उन्हें बड़ा सदमा लगा। किसान नेता की असमय मौत पर किसान पीड़ित और व्यथित नजर आए। आन्दोलनस्थल पर किसानों ने अजित सिंह को श्रद्घांजलि दी और दो मिनट मौन भी रखा। किसानों ने आन्दोलनस्थल पर चल रहे मंच को भी स्थगित कर दिया।
इस दौरान मंच से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, "किसानों ने दिल्ली में अपना बड़ा वकील खो दिया। जब 28 जनवरी को किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया तब चौधरी अजित ने बड़ा हौसला दिया। उन्होंने सीधे फोन करके कहा कि डरना नहीं, हटना नहीं। हम सब साथ हैं।"
चौधरी साहब का जाना किसानों के लिए बहुत बड़ा नुकसान
"चौधरी साहब का किसानों को बड़ा सहारा था। आंदोलन के बीच-बीच में भी बात करते रहे और हमेशा हौसला अफजाई करते रहे। चौधरी साहब का जाना किसानों के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। ऐसा नुकसान, जिसका आकलन भी मुश्किल है।" टिकैत ने आगे कहा कि, "चौधरी साहब का जीवन हमेशा किसानों से जुड़ा रहा, गांव के लोगों से जुड़ा रहा। उनकी विचारधारा पूर्ण रूप से गांव और गरीब की थी। जीवन भर वे गांव और गरीब के लिए काम करते रहे।"
चौधरी अजित सिंह का गुरुवार को निधन
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का गुरुवार को निधन हो गया है। वह कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अपना इलाज करा रहे थे। उनके निधन की जानकारी उनके पुत्र जयंत चौधरी ने ट्वीट के माध्यम से दी। उन्होंने लिखा कि अजीत 20 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। आज सुबह 6 बजे उनका निधन हो गया। उन्होंने लिखा कि दु:ख की घड़ी है। अंतिम समय तक चौधरी साहब संघर्ष करते नजर आए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता चौधरी अजीत सिंह
ज्ञात हो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता चौधरी अजीत सिंह बीते कई दिनों से कोरोना वायरस से संक्रमित थे। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के बागपत से पूर्व सांसद थे। पंचायत चुनाव में इस बार उनकी पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया था।
Updated on:
06 May 2021 10:37 pm
Published on:
06 May 2021 10:33 pm
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