26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

PM Narendra Modi के ‘मन की बात’ का किसानों ने थाली बजा कर किया विरोध

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी किसानों ने थाली बजाकर किया मन की बात का किया विरोध

2 min read
Google source verification
uu.jpg

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन ( Protest Against Agriculture Laws ) जारी है। केंद्र के साथ हो चुकी कई दौर की वार्ता में भी समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है। हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ( Union Ministry of Agriculture ) के प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे सरकार के साथ फिर से बातचीत करने का निर्णय लिया है। इस बीच किसानों ने यह साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों ( Farm Laws ) की वापसी से कम पर उनको कुछ मंजूर नहीं होगा। वहीं, मोदी सरकार ने यह साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों में आवश्यक्तानुसार संशोधन हो सकता है, लेकिन उनको वापस लेना लगभग असंभव है।

कृषि कानूनों को भगाया जाए

किसान संगठन ने अगले दौर की वार्ता 29 दिसंबर को करने के सरकार को भेजा प्रस्ताव

इस क्रम में जब रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2020 की आखिरी 'मन की बात' कर रहे थे, तो उसी समय दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान थाली बजा रहे थे। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मन की बात शुरू होते ही हाथों में ड्रम और थालियां लेकर बजाना शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि, मोदी जी के मन की बात का हम विरोध करते हैं। सरकार जब तक कानून वापस नहीं लेती, हम इसी तरह प्रधानमंत्री का विरोध करते रहेंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आईएएनएस से कहा कि, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा, उसी तरह किसान भी थाली बजा रहें हैं ताकि कृषि कानूनों को भगाया जाए।

Farmer Protest: किसान संगठनों की बैठक में सरकार को जवाब, 29 दिसंबर को बुलाई जाए बैठक

वार्ता में 4 मुद्दों का एजेंडा भी तय किया

उन्होंने आगे कहा कि, ये बस सरकार के लिए सुधार संकेत है कि सरकार जल्द सुधर जाए। 29 दिसंबर को हम सरकार के साथ मुलाकात करेंगे। वहीं नया साल सबके लिए शुभ हो और मोदी जी भी कानून वापस ले लें तो हम किसान भाइयों के लिए भी शुभ हो। दरअसल किसानों ने 29 दिसंबर को सरकार के साथ बातचीत करने का प्रस्ताव रखा है। वहीं इस वार्ता में 4 मुद्दों का एजेंडा भी तय किया गया है।