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Farmer Protest: किसानों ने गर्मियों से बचने की शुरू की तैयारी, बॉर्डर पर बनने लगे पक्के मकान

locationनई दिल्लीPublished: Mar 12, 2021 07:22:50 pm

Submitted by:

Mohit sharma

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को धरना प्रदर्शन जारी है
किसानों ने राजधानी दिल्ली के प्रवेश मार्गों पर मोर्चा संभाला हुआ है

Farmer Protest: किसानों ने गर्मियों से बचने की शुरू की तैयारी, बॉर्डर पर बनने लगे पक्के मकान

Farmer Protest: किसानों ने गर्मियों से बचने की शुरू की तैयारी, बॉर्डर पर बनने लगे पक्के मकान

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों ( New Farm Laws ) के खिलाफ किसानों को धरना प्रदर्शन ( Farmer Protest ) जारी है। किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ( Delhi ) के प्रवेश मार्गों गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर मोर्चा संभाला हुआ है। इसके साथ ही देश भर के कई अन्य इलाकों में भी किसी न किसी रूप में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली-NCR की अगर बात करें तो यहां किसानों का 106वें दिन आंदोलन जारी रहा, हालांकि धीरे धीरे मौसम जिस तरह अपना मिजाज बदल रहा है उसी तरह किसान भी आंदोलन को तेज करने के लिए नए नए कदम उठा रहे हैं। अब चूंकि सर्दियां जा चुकी हैं और गरमी पडऩी शुरू हो गई है। ऐसे में किसानों ने आंदोलन के दौरान गर्मियों से निपटने के लिए बॉर्डर पर ईंटों के पक्के मकान बनाने शुरू कर दिए हैं।

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सड़क पर ही ईंटों को जोड़कर पक्का मकान बनवाना शुरू कर दिया

जानकारी के अनुसार दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों ने गर्मी से बचने के लिए सड़क पर ही ईंटों को जोड़कर पक्का मकान बनवाना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि किसानों द्वारा बनवाए जा रहे ये पक्के मकान सिंघु बॉर्डर स्थित मुख्य मंच से कुछ किलोमीटर आगे की ओर चलते ही दिख जाएंगे। खबर है कि सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने जिन जगहों पर अपने तंबू गाड़े हुए थेे, उन्ही जगहों पर अब मकान बनाए जा रहे हैं खास बात यह है कि मकानों के निर्माण के लिए ईंट से लेकर मिस्त्री तक पंजाब से बुलवाए गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के मीडिया प्रभारी करमजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आज यानी शुक्रवार को पंजाब किसान नेताओं की सिंघु बॉर्डर पर ही इसी मसले पर ही बैठक हुई।

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बॉर्डर पर किसानों की संख्या काफी ज्यादा

बैठक में गर्मियों में आंदोलन को कैसे जारी रखा जाए, इस विषय पर बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि संघु बॉर्डर पर फिलहाल चार पक्के मकान बनाए जा रहें है, लेकिन भविष्य में इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। ये सभी मकान दो मंजिला रहेंगे। करमजीत सिंह ने बताया कि क्योंकि बॉर्डर पर किसानों की संख्या काफी ज्यादा है इसलिए सहूलियत के हिसाब से इन मकानों को दो मंजिला बनवाया जा रहा है। क्योंकि किसान आंदोलन अभी लंबा चलने वाला है, इसलिए तैयारी भी उसी तरह की करनी होगी।

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गांवों से घास व ईंटों समेत अन्य सामान भी मंगाया

गौरतलब है कि सिंघु समेत तीनों बॉर्डर पर किसानों ने फिलहाल प्लास्टिक के टेंट लगा रखे हैं, जो सर्दियों में तो उनके बचाव के लिए काफी थे, लेकिन अब चूंकि गर्मियां शुरू हो गई हैं। तो ऐसे में किसानों को गर्मी से अपने बचाव के लिए नए रास्ते तलाशने हैं। इसके लिए किसानों ने गांवों से घास व ईंटों समेत अन्य सामान भी मंगाया हैँ।

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