विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान 26 मई को देशभर में अपने-अपने घरों, वाहनों पर काले झंडे लगाएंगे। वहीं, कुछ दिन पहले आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एक बार फिर बातचीत शुरू करने की अपील की थी। अब इस पत्र को लेकर किसान नेताओं में आपसी विरोध और खींचतान शुरू हो गई है। हालांकि, आंदोलन से जुड़े प्रमुख किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा इसे किसानों के बीच का अंदरूनी मामला बता रह हैं।
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गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए 3 नए कृषि कानून पास किए थे। इस कानून के पास होते ही पंजाब में किसान आंदोलन शुरू हो गया, जो अभी तक जारी है। किसानों की मांग है कि सरकार इन तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस ले। इसके बाद देशभर से किसान इस आंदोलन में शामिल होते चले गए। अब 26 मई को किसान आंदोलन को छह महीने पूरे हो जाएंगे।
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इस दिन को खास बनाने के लिए किसान संगठन अलग-अलग रणनीति बना रहे हैं। इसके तहत, किसान इस दिन को काला दिवस के तौर पर मनाएंगे। किसानों को कहना है कि इस दिन विरोध के तौर पर देशभर में किसान अपने घरों और वाहनों पर काले झंडे लगाएंगे। इसके अलावा, आगामी 31 मई को एक और अहम बैठक होगी, जिसमें किसान नेता आगे की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।