
NEET परिणाम को लेकर फिल्म निर्देशक ने उठाए सवाल।
नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट 2020 ( NEET Result 2020 ) के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इस बार नीट परीक्षा में दो छात्रों को बराबर नंबर आए हैं। ओडिशा के राउरकेल का रहने वाले शोएब आफताब ( Shoaib Aftab )और दिल्ली की रहने वाली आकांक्षा सिंह ( Akanksha Singh ) को 720 में से 720 नंबर आए हैं। लेकिन, शोएब आफताब को इंडिया टॉपर घोषित किया गया है। जबकि, आकांक्षा सिंह दूसरे स्थान पर रही। वहीं, नीट परिणाम को लेकर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है और भेदभाव करने की बात कही जा रही है। मशहूर फिल्म निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ( Vivek Ranjan Agnihotri ) ने ट्वीट कर नीट परीक्षा के परिणाम पर सवाल उठाए हैं और कहा कि जब शोएब और आकांक्षा सिंह के बराबर यानी 720 में से 720 नंबर आए हैं तो शोएब आफताब ही टॉपर क्यों?
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
दरअसल, इस बार नीट परीक्षा में दो छात्रों शोएब आफताब और आकांक्षा सिंह को बराबर नंबर 720 में से 720 आए हैं। लेकिन, शोएब आफताब को टॉपर घोषित किया गया है। नीट के इस परिणाम पर मशहूर फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने सवाल खड़े करते हुए एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'केवल शोएब आफताब को ही Neet टॉपर क्यों घोषित किया गया, जबकि आकांक्षा को भी 720/720 आए हैं?' फिल्म निर्देशक के इस ट्वीट पर बहस छिड़ गई है और यूजर्स लगातार इस पर कमेंट कर रहे हैं। फैजान हसन नामक यूजर्स ने लिखा, 'ये निकला संघी हिन्दू मुस्लमान करने अज्ञानी, आयु के हिसाब से इसमें रैंक निर्धारित कर देते हैं, जब ऐसा कोई मसला फंसता है, लेकिन तुझे तो हिन्दू- मुस्लमान करना है,तेरे जैसे जहरीले की जगह जेल होनी चाहिए'। रूपाली शाह नामक यूजर्स ने लिखा, 'आकांक्षा सिंह ने भी नीट में 720 में से 720 स्कोर किये हैं, पर मीडिया के गिद्धों को बस एक नाम शोएब आफताब मिल गया उसी पर डंका पीटेंगे।' वहीं, दीपक लहरी नामक यूजर्स ने लिखा, 'ताज्जुब होता दोगली मीडिया उत्तर प्रदेश की इस बेटी की काबिलियत को अनदेखा कर रही, जबकि इसने भी नीट परीक्षा में शत प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। और इस बात की गारंटी है कि ये बच्ची आगे जाकर शाह फैसल और डॉक्टर कफील नहीं बनेगी।' वहीं, शालिनी महर नामक यूजर ने लिखा, 'मैं कल्पना नहीं कर सकता कि अब आप एक युवा लड़के को निशाना बना रहे हैं ... जिसके सपने हैं .. लेकिन आप से ... उसका आपके धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, आपके लिए बुरा कहने के लिए उसके पास कुछ नहीं है, आपको माफ कर दें, लेकिन भगवान नहीं'। वहीं, पंडित राकेश द्विवेदी नामक यूजर ने लिखा, 'शायद प्रोफेसर का लड़का हो ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे नीट की परीक्षा पहली बार हुई औरर यही लोग परीक्षा का विरोध भी कर रहे थे।' फिल्म निर्देश के इस ट्विटर लगातार कंमेट आ रहे हैं। खबर लिखे जाने तक 7.8 हजार लोगों ने इस ट्वीट को रिट्वीट किया है। 28.1 हजार लोगों ने इस लाइक किया है। आलम ये है कि यह मामला लगातार गरमाते जा रहा है और सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है।
क्या है टाई ब्रेकिंग फॉर्मूला?
यहां आपको बता दें कि जब दो छात्रों के नंबर बराबर आते हैं तो टाई ब्रेकिंग फॉर्मूले के तहत टॉपर घोषित किए जाते हैं। दरअसल, जब कई छात्रों को सामान नंबर आते हैं तो तब वनस्पति विज्ञान और जूलॉजी में जिसके नंबर ज्यादा होंगे, उसे रैंकिंग में वरियता दी जाएगी। वहीं, अगर बायोलॉजी के नंबर में भी सामान हैं तो कैमिस्ट्री में जिसके नंबर ज्यादा होंगे उसे वरीयता दी जाएगी। वहीं, दोनों विषय में नंबर सामान हुए तो जिसने सबसे ज्यादा कम गलत जवाब दिए होंगे, उसे वरीयता दी जाएगी। वहीं, अगर गलत जवाबों में भी संख्या सामान होगी तो जिसकी उम्र ज्यादा होगी उसे वरीयदता दी जाती है।
Updated on:
17 Oct 2020 05:15 pm
Published on:
17 Oct 2020 02:53 pm
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