
देश की 23 विदेशी छात्रों के लिए 1100 से ज्यादा सीटें आरक्षित। ग्लोब
नई दिल्ली। इंजीनियरिंग द्वोत्र में करिअर बनाने के लिए भले ही देशभर में छात्रों में जुनून हो, लेकिन विदेशी छात्रों ( Foreign Students ) द्वारा आईआईटी ( IIT ) बहुत बड़ा झटका दिया है। विदेशी छात्र तीन साल बाद भी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ( आईआईटी ) में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ( MHRD ) और आईआईटीज के लिए यह शुभ संकेत नहीं है। ऐसा इसलिए कि एमएचआरडी आईआईटी को ग्लोबल रैंकिंग ( Global Ranking ) लाना चाहता है लेकिन अभी तक के सभी प्रयास बेकार गए।
यहीं नहीं अब इन संस्थानों में विदेशी छात्रों को लुभाने के लिए फेलोशिप योजना ( Fellowship Scheme ) शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
फेलोशिप योजना के अन्तर्गत प्रतिभाशाली विदेशी छात्रों को फेलोशिप देकर आईआईटी में पढ़ने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। आईआईटी परिषद ( IIT Council ) इस बारे में निर्णय कर चुकी है। इसके क्रियान्वन की तैयारियां चल रही हैं।
दरअसल, आईआईटी विदेशी छात्रों को अपने संस्थानों में प्रवेश देने की इच्छुक हैं। तीन साल पूर्व आईआईटी काउंसिल ने इस बाबत निर्णय लिया और उस पर अमल भी शुरू किया। लेकिन पिछले तीन साल के आंकड़े बताते हैं कि हर साल चार-छह छात्र ही आईआईटी में प्रवेश ले पा रहे हैं। जबकि विदेशी छात्रों के लिए दस फीसदी सीटें रिजर्व ( Seat Reserve ) की गई थीं।
बता दें कि देश में 23 आईआईटी में 11 हजार से अधिक सीटें हैं। इनमें से 1100 सीटें विदेशी छात्रों के लिए आरक्षित हैं। लेकिन इन संस्थानों को विदेशी छात्र नहीं मिल पा रहे हैं। विदेशी छात्रों को सीधे जेईई एडवांस परीक्षा में बैठने की अनुमति है, लेकिन अभी तक के नतीजे बताते हैं कि विदेशी छात्र इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
ग्लोबल रैंकिंग
मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक आईआईटी को ग्लोबल रैंकिंग में लाने के लिए उनमें विदेशी छात्रों का होना जरूरी है, लेकिन मौजूदा प्रक्रिया से छात्र आकर्षित नहीं हो रहे हैं। फेलोशिप के जरिए उन्हें आईआईटी में पढ़ने का एक और मौका दिया जा जा सकता है।
आईआईटी के जानकारों का कहना है कि विदेशी छात्रों के लिए लागत के हिसाब से फीस ज्यादा रखी गई जो बहुत ज्यादा हो रही थी। कई कारणों में यह भी एक कारण हो सकता है, लेकिन फेलोशिप के जरिए योग्य छात्रों को बेहद कम खर्च पर एडमिशन ( Admission ) का मौका मिल सकता है।
आईआईटी के सूत्रों ने कहा कि फेलोशिप को लेकर काउंसिल की पिछली बैठक में निर्णय हो गया था, लेकिन अब इसको लागू करने लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
इस फेलोशिप के जरिए पड़ोसी या दूसरे देशों में बसे भारतीय मूल के छात्रों को विशेष रूप से लुभाने की योजना है।
Updated on:
10 Jun 2020 09:22 am
Published on:
10 Jun 2020 09:12 am
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