
चंद्रबाबू नायडू (फाइल फोटो)
विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के पूर्व निजी सचिव के कई ठिकानों पर हाल ही में आयकर विभाग ने छापा मारा था। इस दौरान विभाग ने नायडू की करीबी मानी जाने वाली तीन प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों पर भी छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को कम से कम 2000 करोड़ रुपये की रकम का पता चला है। विभाग को इतनी बड़ी रकम का पता केवल शुरुआती जांच में ही चला है और उम्मीद जताई जा रही है कि आगे की जांच में बड़े घोटाले का भी खुलासा हो सकता है।
इस संबंध में बृहस्पतिवार को आयकर विभाग ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूचना दी। इसके मुताबिक, "एक प्रमुख व्यक्ति (चंद्रबाबू नायडू क्योंकि इनके पूर्व निजी सचिव के ठिकानों पर छापेमारी की गई) के पूर्व निजी सचिव समेत उनके नजदीकियों (तीन इंफ्रा कंपनियों के) के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया और कई आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद किए गए।"
इन तीन कंपनियों में से एक कडपा तेलूगु देशम नेता श्रीनिवास रेड्डी की आरके इंफ्रा कॉर्प है, जो नायडू के बेटे और पार्टी के महासचिव नारा लोकेश के नजदीकी हैं और इनके यहां भी छापेमारी की गई। आयकर विभाग के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पार्टी के कई दिग्गज नेताओं और उनके इस नजदीकी व्यक्ति के बीच किए गए जानकारियों के लेनदेन ने विभाग को बड़ी जानकारी मिली।
इस संबंध में नारा लोकेश ने मीडिया से कहा कि आयकर विभाग को इंफ्रा कंपनियों में कई अनियमितताएं मिली हैं। सरकार कोई भी कार्रवाई कर सकती है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री के पूर्व पीएस के इस मामले से जुड़े होने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में कुछ भी नहीं पता कि कैसे एक पूर्व निजी सचिव तीन बड़ी इंफ्रा कंपनियों के रिकॉर्ड से जुड़ा था।
आयकर विभाग ने इसके अलावा 25 से ज्यादा बैंक लॉकर भी खंगाले और बिना किसी लिखापढ़ी वाले 85 लाख की नगदी और 71 लाख से ज्यादा के आभूषणों को भी बरामद किया। इस छापेमारी में फर्जी सब कॉन्ट्रैक्टर्स के जरिये बेवजह के ज्यादा कीमत वाले फर्जी बिल के जरिये नगदी लाने वाले एक बड़े रैकेट का भी भंडाफोड़ किया गया।
Updated on:
20 Feb 2020 01:09 pm
Published on:
14 Feb 2020 04:52 pm
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