बुधवार देर शाम एक और किसान गुरजंत सिंह की मौत हो गई। उनकी उम्र 60 साल थी। बहादुरगढ़ बॉर्डर उनकी मौत हो गई। इससे पहले दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान गुरुभाष सिंह की मौत हुई थी। वहीं पिछले सात दिनों में चार किसानों की मौत हो चुकी है।
चक्रवाती तूफान बुरेवी के बीच मौसम विभाग ने इन राज्यों में जारी किया भारी बारिश का अलर्ट अपने घरों और खेतों से दूर दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसानों का कहना है कि वे लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं। जब तक उनकी मांगें मान नहीं ली जातीं तब तक वे हटेंगे नहीं।
महीनों तक टिके रहने को तैयार
किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे संघर्ष के लिए तैयार हैं। इसके लिए उन्हें महीनों तक सड़कों पर बिताना पड़े तो वे पीछे नहीं हटेंगे। इसके लिए राशन से लेकर दवाईयों तक हर चीज का इंतजाम कर लिया है।
किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे संघर्ष के लिए तैयार हैं। इसके लिए उन्हें महीनों तक सड़कों पर बिताना पड़े तो वे पीछे नहीं हटेंगे। इसके लिए राशन से लेकर दवाईयों तक हर चीज का इंतजाम कर लिया है।
यही नहीं किसानों का कहना है कि अपने हक के लिए वे अपनी जान की परवाह भी नहीं करेंगे। चाय से ठंड का मुकाबला, गाने-बजाने जोश रखते बरकरार
पंजाब और हरियाणा से पहुंचे किसान प्रदर्शन के साथ-साथ अपने खाने-पीने के साथ सड़कों पर ही हर काम कर रहे हैं।
पंजाब और हरियाणा से पहुंचे किसान प्रदर्शन के साथ-साथ अपने खाने-पीने के साथ सड़कों पर ही हर काम कर रहे हैं।
– पेट्रोल पंपों पर नहाने के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। वे यहीं पर अपने कपड़े भी धोते हैं। बाद में पंप की सफाई करते हैं।
– सड़कों के किनारों पर ही खाना पका कर भोजन का बंदोबस्त करते हैं।
– प्रदर्शनकारी हर सुबह लंगर की तैयारी शुरू करते हैं और दिनभर खाना वितरित किया जाता है।
– प्रदर्शन पर पहुंचने वाले किसी भी व्यक्ति को पूरा खाना दिया जाता है
– खाने में दाल, चावल, पराठा और खीर आदि जैसे व्यंजन शामिल होते हैं।
– चाय की सतत आपूर्ति प्रदर्शनकारियों को ठंड का मुकाबला करने में मदद करती है।
– शाम के वक्त किसान अपना जोश कायम रखने के लिए समूह में जमा होकर गाते-बजाते हैं।
– सड़कों के किनारों पर ही खाना पका कर भोजन का बंदोबस्त करते हैं।
– प्रदर्शनकारी हर सुबह लंगर की तैयारी शुरू करते हैं और दिनभर खाना वितरित किया जाता है।
– प्रदर्शन पर पहुंचने वाले किसी भी व्यक्ति को पूरा खाना दिया जाता है
– खाने में दाल, चावल, पराठा और खीर आदि जैसे व्यंजन शामिल होते हैं।
– चाय की सतत आपूर्ति प्रदर्शनकारियों को ठंड का मुकाबला करने में मदद करती है।
– शाम के वक्त किसान अपना जोश कायम रखने के लिए समूह में जमा होकर गाते-बजाते हैं।
सेहत पर पड़ रहा बुरा असर
प्रदर्शन कर रहे अन्नदाताओं की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। खुले आसमान के नीचे संघर्ष कर रहे किसानों को लंबी दूरी तय करने के कारण कई तरह की परेशानियां भी हो रही हैं। लंबी दूरी के चलते जहां पैरों में छाले पड़ रहे हैं। वहीं ठंड की वजह से बुखार और जुकाम जैसी समस्याएं सेहत पर डाल रही बुरा असर।
प्रदर्शन कर रहे अन्नदाताओं की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। खुले आसमान के नीचे संघर्ष कर रहे किसानों को लंबी दूरी तय करने के कारण कई तरह की परेशानियां भी हो रही हैं। लंबी दूरी के चलते जहां पैरों में छाले पड़ रहे हैं। वहीं ठंड की वजह से बुखार और जुकाम जैसी समस्याएं सेहत पर डाल रही बुरा असर।
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डॉक्टरों का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों कई किसान बड़ी उम्र के हैं, ऐसे में उनकी सेहत पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। जोड़ों का दर्द एक आम परेशानी बन चुकी है, जबकि सातवें दिन किसानों की संख्या में इजाफा होने के बाद कोरोना वायरस का खतरा भी बढ़ रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों कई किसान बड़ी उम्र के हैं, ऐसे में उनकी सेहत पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। जोड़ों का दर्द एक आम परेशानी बन चुकी है, जबकि सातवें दिन किसानों की संख्या में इजाफा होने के बाद कोरोना वायरस का खतरा भी बढ़ रहा है।