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पहली बार दिखा corona का नया रूप , 4 बार रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी COVID-19 संक्रमित

Coronavirus से पूरे देश में मचा है हाहाकार Delhi के AIIMS में COVID-19 का नया रूप देखने को मिला 4 बार COVID-19 रिजल्ट निगेटिव आने के बाद भी महिला निकली कोरोना संक्रमित

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Kaushlendra Pathak

Jul 09, 2020

four times woman corona result negative but she is positive

पहली बार देश में दिखा कोरोना वायरस का नया रूप।

नई दिल्ली। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) की चपेट में है। लॉकडाउन ( India Lockdown ) के बावजूद देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वहीं, इस महामारी ( COVID-19 ) को लेकर हर दिन कोई न कोई नई जानकारी सामने आ रही है। COVID-19 को लेकर अब जो नई जानकारी सामने आई है, उसने सबको हैरान कर दिया। दिल्ली ( coronavirus in Delhi ) के AIIMS में भर्ती एक बुजुर्ग महिला का चार बार कोरोना टेस्ट ( corona test ) किया गया, लेकिन हर बार रिपोर्ट निगेटिव ( COVID-19 Report Negative ) आई। बदा में एंटीबॉडी टेस्ट में पता चला है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित थीं।

AIIMS में corona का नया रूप

देश के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ( COVID-19 in Delhi ) में भी कोरोना वायरस काफी तेजी से फैलता जा रहा है। लेकिन, AIIMS में कोरोना का ऐसा मामला सामने आया, जिसने कुछ समय के लिए डॉक्टर्स को भी आश्चर्यचकित कर दिया। AIIMS के डॉ. विजय गुर्जर ( Doctor Vijay Gurjar ) का कहना है कि 80 साल की एक बुजुर्ग महिला सांस लेने में तकलीफ और बुखार की समस्य को लेकर हॉस्पिटल आई थीं। 25 जून से लेकर सात जुलाई तक उनका चार बार AIIMS में ही RT-PCR कोरोना टेस्ट ( corona test ) किया गया। लेकिन, हर बार उनकी रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई। लेकिन, उनकी समस्या बरकार थी। लिहाजा, एक्सरे ( X-ray) और सीटी स्कैन ( city scan ) की रिपोर्ट को देखकर डॉक्टर्स ने माना कि वह कोरोना से संक्रमित हैं और उसी हिसाब से उनका इलाज भी किया जा रहा था।

ऐसे बची बुजुर्ग महिला की जान

डॉक्टर गुर्जर ने Twitter पर अनुभव को शेयर करते हुए लिखा कि बाद में बुजुर्ग महिला की एंटीबॉडी टेस्ट ( Antibody Test ) कराई गई। जांच में पता चला कि एंटीबॉडी उनके शरीर में विकसित हो चुकी थी। जिसके कारण बार-बार कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आ रही थी। उन्होंने बताया कि किसी भी इंसान के शरीर में एंटीबॉडी तभी बन सकती है, जब वह COVID-19 से संक्रमित हो। रिपोर्ट के मुताबिक, शरीर के अंदर एंटीबॉडी बनने में तकरीबन 5 से 7 दिन का समय लगता है। यहां आपको बता दें कि एंटीबाडी कोरोना से लड़ने में मदद करती है। गनीमत ये रही कि समय रहते सारी सच्चाई सामने आ गई और बुजुर्ग महिला की जान बच गई। फिलहाल, महिला को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है। डॉक्टर ने ये भी कहा कि हाल ही में रोहतक में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर अशोक भयाना ( Dr Ashok Bhayana ) की मौत हो गई थी। मृतक में कोरोना के सभी लक्षण थे, लेकिन उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी।