जानकारी के मुताबिक आईबीजी 12 घंटे से भी कम समय में युद्ध शुरू कर की क्षमता विकसित करने के मकसद से किया गया है। साथ ही थियेटर कमान बनाकर ऐसी चुनौतियों से निपटने की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है।
Rajya Sabha Live : 8 राज्यों की 19 सीटों पर मतदान जारी, गुजरात, MP और राजस्थान में कड़ा मुकाबला चीन से युद्ध पर जीत के लिए 2013 में एके एंटनी का रक्षा मंत्री रहते हुए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने माउंटेन स्ट्राइक कार्प ( Mountain Strike Corp ) के गठन का फैसला लिया था। यह कॉर्प 90 हजार ऐसे जवानों की बननी थी जो ऊंचे पहाड़ी इलाकों में युद्ध करने में दक्ष हों। तब इस पर 65 हजार करोड़ रुपए के खर्च का आंकलन किया गया था। इस दिशा में काम भी हुआ तथा 17वीं माउंटेन कॉर्प बनी। लेकिन बाद में यह आगे नहीं बढ़ सका।
वर्तमान में सीडीएस और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ( CDS Bipin Rawat ) के समय 2018 में 17 माउंटेन कॉर्प को आईबीजी में विभाजित करने का फैसला किया। तीन युद्धक समूह बने। चीन सीमा पर हिम विजय युद्धाभ्यास भी हुआ। यह माना गया है कि बड़ी फोर्स की बजाए नए युद्धक समूह बनाए जाएं जो तुरंत एक्शन में आ सकें। सेनाओं में यह डिविजन का स्थान लेंगे।
Galwan Impact : जेपी नड्डा ने ट्वीट कर बताया – बीजेपी के आगामी दो दिन का सभी कार्यक्रम स्थगित माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प की मूल योजना भी उसे वायुसेना ( IAF ) से लैस कराने की थी। लेकिन अपेक्षित काम नहीं हुआ। बाद में पड़ोस में नई प्रगति हुई तो उसी अनुरूप कार्य करने का फैसला लिया गया। आईबीजी और थियेटर कमान उसी दिशा में उठाया गया कदम है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीनी चुनौती से मुकाबले के लिए ये युद्धक समूह ज्यादा प्रभावी हैं। साथ ही सेना में थियेटर कमान बनाने की भी तैयारी चल रही है। थियेटर कमान में थल सेना के साथ नभ और जल सेना का भी बैकअप रहता है। चीन पहले ही पांच थियेटर कमान ( Theatre Command ) बना चुका है। भारत में कम से कम छह थियेटर कमान बनाने का प्रस्ताव है। इससे सेना की मारक क्षमता बढ़ेगी।