
Ghazipur Border : किसानों ने टी-शर्ट लॉन्च की, लिखा है- 'जिंदा है तो दिल्ली आ जा'
नई दिल्ली। देश में नए कृषि कानूनों ( New farm Laws ) के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन ( Farmer Protest ) जारी है। किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तीनों प्रवेश मार्गों गाजीपुर बॉर्डर ( Ghazipur Border ), सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर मोर्चा संभाले बैठे हैं। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत देश के अलग-अलग राज्यों में किसान पंचायत कर किसानों को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लामबंद कर रहे हैं। वहीं, आंदोलनकारी किसानों ने कृषि कानून के विरोध में एक टी-शर्ट लॉंच की है। इस टी-शर्ट पर लिखा है "जिंदा है तो दिल्ली आजा, संघर्षो में शामिल हो जा।"
किसान नेताओं ने टी-शर्ट लॉन्च की
आपको बता दें कि तीन नए कृषि कानून के खिलाफ यहां 110 दिनों को आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने युवाओं से सर्मथन का आह्वान करते हुए टी-शर्ट लॉन्च की है, जिस पर लिखा है, "जिंदा है तो दिल्ली आजा, संघर्षो में शामिल हो जा।" किसान नेताओं ने बताया कि 23 मार्च को सरदार भगत सिंह और क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह 'पाश' के शहादत दिवस पर हजारों की संख्या में नौजवान आंदोलन में शामिल होंगे। उससे पहले, आंदोलन स्थल पर अनशन कर रहे किसानों को पहनाकर उनसे टी-शर्ट लॉन्च कराया गया।
टी-शर्ट पर लिखी पंक्तियां प्रसिद्ध कवि बल्ली सिंह चीमा
गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने आईएएनएस से कहा, "ये टी-शर्ट एक निजी संस्थान ने बनवाई है। टी-शर्ट पर लिखी पंक्तियां प्रसिद्ध कवि बल्ली सिंह चीमा की एक कविता से ली गई हैं। फिलहाल एक हजार टी-शर्ट बनवाई गई हैं। आगामी दिनों में एक लाख टी-शर्ट तैयार करवाने की योजना है। ये टी-शर्ट दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर आंदोलन कर कर रहे किसानों तक पहुंचाई जाएंगी।"
कृषि कानून वापस नहीं होते, तब तक अपने घर को नहीं लौटेंगे।
गौरतलब है कि दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते, तब तक वो अपने घर को नहीं लौटेंगे। किसान इसके साथ ही फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर किसानों की सरकार के साथ ही 11 दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका। हालांकि सरकार ने किसानों के मांगों के सापेक्ष कृषि कानूनों को 18 महीनों के लिए निरस्त करने की प्रस्ताव दिया है, लेकिन किसानों ने इसको अस्वीकार कर दिया है।
Updated on:
15 Mar 2021 09:52 pm
Published on:
15 Mar 2021 09:42 pm
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