scriptरिपोर्ट में खुलासा, डीयू की हर 4 छात्राओं में से एक के साथ होता है यौन उत्पीड़न | Reports reveal that one of the 4 DU student sexual harassment | Patrika News

रिपोर्ट में खुलासा, डीयू की हर 4 छात्राओं में से एक के साथ होता है यौन उत्पीड़न

locationनई दिल्लीPublished: Apr 27, 2018 09:38:36 am

Submitted by:

Shivani Singh

एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली हर चार लड़कियों में से एक लड़की को यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।

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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय देश के बड़े विश्वविद्यालयों में शुमार है। यहां पढ़ना हर किसी का सपना होता है, लेकिन आपको जान कर हैरानी होगी की विश्वविद्यालय और उससे संबंद्ध कॉलेज छात्राओं के लिए सुरक्षित नहीं। यहां पढ़ने वाली हर 4 छात्राओं में से 1 को यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। एक छात्र संगठन की ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है।

ऑडिट रिपोर्ट

बता दें कि कांग्रेस की छात्र इकाई नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI)ने छात्राओं की सुरक्षा पर एक ऑडिट रिपोर्ट तैयार की है। इस ऑडिट रिपोर्ट में विश्वविद्यालय के 50 विभागों और कॉलेजों को शामिल किया गया। इस ऑडिट रिपोर्ट में दिल्ली विश्वविद्यालय से करीब 80 कॉलेज में सर्वेक्षण कराया गए हैं।

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यूजीसी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन

रिपोर्ट को माने तो डीयू के 50 विभागों और कॉलेजों में से 22 ने अपनी यौन उत्पीड़न रोधी पैनल- आंतरिक शिकायत समिति में लोकतांत्रिक तरीके से छात्र प्रतिनिधियों को नहीं चुना है। छात्राओं को सही तरीके से नहीं चुन कर इन विभागों और कॉलेजों ने यूजीसी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया किया।

हर 4 छात्राओं में से 1 के साथ उत्पीड़न

इस रिपोर्ट के तहत डीयू के 24 कॉलेजों और विभागों में सर्वेक्षण किया गया। कॉलेजों और विभागों के कुल 810 छात्र-छात्राओं ने सर्वेक्षण में पूछे गए सवालों के जवाब दिए। बता दें कि इस सर्वेक्षण में करीब 90 प्रतिशत महिलाएं और 10 प्रतिशत पुरूष थे। रिपोर्ट में के अनुसार, ‘हर चार छात्राओं में से एक ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की।

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ज्यादातर मामले जबरदस्ती छूने के

आपको बता दें कि इस रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न के 188 मामलों में 40 ऐसे मामले थे जो लड़कियों के शारीरिक उत्पीड़न से जुड़े थे। जान कर हैरानी होगी कि छात्राओं के साथ होने वाले उत्पीड़न के पांच में से एक मामला जबरदस्ती छूने या पकड़ने का था। साथ ही उत्पीड़न के हर पांच मामलों में से एक मामला सोशल मीडिया पर ट्रोल करने या कॉल या लिखित वॉट्सऐप मेसेजों के जरिए उत्पीड़न करना भी था।

नहीं है कोई सुरक्षा

वहीं, जब छात्र-छात्राओं से विश्वविद्यालय या कॉलेज में सुरक्षा को लेकर सवाल पूछे गए। इस सवाल के जवाब में लगभग 80 प्रतिशत स्टूडेंट ने कहा कि परिसर में सुरक्षा के लिए विश्वविद्यालय या कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई जरूरी कदम नहीं उठाए जाते। एनएययूआई की राष्ट्रीय प्रभारी रुचि गुप्ता ने बताया, ‘ इस ऑडिट से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अब हम ऐसा ऑडिट आने वाले दिनों में देश के अन्य जाने-माने विश्वविद्यालयों में भी कराया जाएगा।’

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