scriptवैज्ञानिकों ने बताया- कोरोना वायरस का सफाया कर सकती है ये दवा, गोवा सरकार ने दी मंजूरी | Goa government approved the use of Ivermectin to all the infected above 18 years of age | Patrika News

वैज्ञानिकों ने बताया- कोरोना वायरस का सफाया कर सकती है ये दवा, गोवा सरकार ने दी मंजूरी

locationनई दिल्लीPublished: May 10, 2021 10:35:43 pm

Submitted by:

Mohit sharma

गोवा सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सोमवार को इवरमेक्टिन दवा के यूज की मंजूरी दे दी है।

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) से मच रहे त्राहिमाम के बीच गोवा सरकार ( Goa government ) ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सोमवार को इवरमेक्टिन दवा ( Ivermectin ) के यूज की मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने नए कोविड उपचार प्रोटोकॉल को मंजूरी देते हुए 18 वर्ष से ज्यादा आयु के सभी लोगों को इवरमेक्टिन दवा की पांच गोलियां लेने की सलाह दी है । सरकार का मानना है कि इससे कोविड-19 संक्रमण से फैले घातक वायरल बुखार को रोकने में मदद मिलेगी।

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स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में इवरमेक्टिन दवा उपलब्ध कराई जाएगी। यह दवाई सभी निवासियों को दी जाएगी चाहे उनमें कोविड के लक्षण हों या नहीं हो। राणे ने कहा कि हम इसे एक रोगनिरोधी उपचार के रूप में, एक निवारक के रूप में दे रहे हैं। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में इवरमेक्टिन की गोलियां 18 साल से ऊपर के सभी रोगियों को दी जाएंगी। यह दवा सभी आबादी को लेने की जरूरत है। यह उपलब्ध कराया जाएगा।”

स्वास्थ्य मंत्री ने शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के साथ एक बैठक के बाद कहा कि मरीजों को 5 दिनों की अवधि के लिए इवरमेक्टिन 12 के साथ इलाज किया जाएगा। यूके, इटली, स्पेन और जापान के विशेषज्ञ पैनल ने मृत्यु दर में एक बड़ी सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण कमी पाई गई कोविड -19 रोगियों के इलाज और पुनप्र्राप्ति के वायरल क्लीयरेंस के लिए इवरमेक्टिन जरूरी है । राणे ने कहा कि नया कोविड उपचार प्रोटोकॉल का समर्थन करने वाला गोवा देश का पहला राज्य होगा।

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राणे ने कहा कि हालांकि, यह कोविड संक्रमण को रोकता नहीं है, लेकिन रोग की गंभीरता को कम करने में मदद करता है और साथ ही साथ किसी को सुरक्षा और शालीनता की गलत भावना नहीं बनानी चाहिए, लेकिन सभी एहतियाती उपायों का सख्ती से पालन करना चाहिए और एसओपीएस के नियमों को पालन करना चाहिए।

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