इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत ट्विटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिए नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहता है, तो उसे दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी।
नई दिल्ली। सोशल मीडिया के नए नियमों के लागू होने के बाद से भारत सरकार और तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के बीच तकरार बढ़ गया है। खासकर ट्विटर और सरकार के बीच नोकझोंक देखने को मिल रहा है।
अब इसी कड़ी में ब्लू टिक प्रकरण के बीच केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने शनिवार को ट्विटर को नोटिस भेजा है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्विटर को नए कानूनों के तहत ही कार्य करना पड़ेगा, यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर दंड़ात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने अपना आखिरी नोटिस जारी करते हुए ट्विटर को तत्काल नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए एक आखिरी मौका दिया है और साथ में चेतावनी दी है कि अमरीकी स्थित मुख्यालय वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मानदंडों के अनुपालन में विफल रहने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
ट्विटर पर कार्रवाई कर सकती है सरकार
मंत्रालय द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत ट्विटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिए नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहता है, तो उसे दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी।
नोटिस के मुताबिक अगर ट्विटर नए नियमों का पालन करने में विफल होता है तो फिर उसके खिलाफ आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के तहत उपलब्ध देयता से छूट वापस ले ली जाएगी और ट्विटर आईटी अधिनियम और भारत के अन्य दंड कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले गूगल और फेसबुक तथा व्हाट्सएप जैसी दिग्गज कंपनियों ने नए आईटी दिशानिर्देशों के अनुरूप वैधानिक अधिकारियों को नियुक्त करने पर सहमत जताई थी लेकिन ट्विटर (twitter) ने नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि इससे पहले नए आईटी दिशानिर्देशों के अनुरूप वैधानिक अधिकारियों को नियुक्त करने पर ट्विटर ने नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया था। हालांकि, गूगल और फेसबुक तथा व्हाट्सएप जैसी दिग्गज कंपनियों ने इसपर सहमति जताई थी।
नियमों के तहत ट्विटर नहीं कर रहा काम
मंत्रालय ने कहा कि कंपनी के जवाबों से यह स्पष्ट है कि उसने आज तक नियमों के तहत आवश्यक मुख्य अनुपालन कार्यालय के विवरण के बारे में सूचित नहीं किया है। इसके अलावा, इसने यह भी कहा कि मंच द्वारा नामित रेजिडेंट शिकायत अधिकारी और नोडल संपर्क व्यक्ति भारत में इसके कर्मचारी नहीं हैं, जैसा कि नए नियमों के तहत आवश्यक है।
नोटिस में कहा गया है, ट्विटर इंक का कार्यालय का पता जैसा आपने उल्लेख किया है, वह भारत में एक कानूनी फर्म का है, जो नियमों के अनुसार नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती।
RSS प्रमुख मोहन भागवत और उपराष्ट्पति के ट्विटर अकाउंट से हटाया ब्लू टिक
बता दें कि सरकार के साथ चल रहे विवाद के बीच ट्विटर ने शनिवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया था। हालांकि, कुछ घंटे बाद ट्विटर ने फिर से अकाउंट को सत्यापित कर दिया और ब्लू टिक लौटा दिया।
इतना ही नहीं, ट्विटर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है। इसके बाद से विवाद और भी गहरा गया है। केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच नए आईटी नियमों को लेकर छिड़े विवाद पर फिर से चर्चा गरम हो गई है। सरकार ने ट्विटर के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए आई टी नियमों के पालन को लेकर अंतिम चेतावनी दी है।