BJP को बड़ा झटका, गुजरात सांसद मनसुख वसावा ने इस वजह से दिया पार्टी से इस्तीफा
- Gujarat में BJP को लगा बड़ा झटका
- सांसद मनसुख वसावा ने पार्टी से दिया इस्तीफा
- अपनी बात ना सुने जाने से थे नाराज

नई दिल्ली। बंगाल फतह पर निकली बीजेपी को गुजरात में बड़ा झटका लगा है। भरूच से सांसद मनसुख भाई वसावा (Mansukhbhai Vasava) ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं वसावा ने कहा है कि वे जल्द ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे देंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक सांसद मनसुख वसावा ने सोमवार को खत लिखकर पार्टी को अपने इस फैसले के बारे में जानकारी दी है। आपको बता दें कि मनसुख वसावा एक कद्दावर नेता हैं और 6 बार लोकसभा सदस्य बन चुके हैं। बीजेपी को वसावा के जाने से बड़ा नुकसान हो सकता है। क्योंकि मनसुख वसावा के कद्दावर आदिवासी नेता के रूप में जाने जाते हैं और इस वर्ग में उनकी अच्छी खासी पैठ है।
माता वैष्णोदेवी के भक्तों के लिए खुश खबरी, भारतीय रेलवे ने शुरू की 5 नई ट्रेनें, देखें पूरी लिस्ट
Gujarat: BJP Bharuch MP Mansukh Vasava resigns from the party.
— ANI (@ANI) December 29, 2020
इस वजह से दिया इस्तीफा
बताया जा रहा है कि मनसुख वसावा पिछले लंबे से समय पार्टी में अपनी उपेक्षा और अनदेखी से नाराज थे। उनकी बातों को भी अनसुना किया जा रहा था। खास तौर पर मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से भी उनकी नहीं बन रही है। अपनी इसी उपेक्षा से नाराज होकर मनसुख वसावा ने बीजेपी छोड़ने का निर्णय लिया है।
वसावा ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा है कि आगामी बजट सत्र में वह लोकसभा से भी इस्तीफा दे देंगे।
सरकार के कामकाज पर उठाए थे सवाल
आपको बता दें कि हाल में भरूच से सांसद मनसुख वसावा ने बीजेपी सरकार के कामकाज के तरीकों को लेकर सवाल उठाए। उनके इन सवालों की वजह से वे सुर्खियों में बने हुए थे।
पिछली मोदी सरकार में रहे राज्य मंत्री
वसावा की गिनती गुजरात के कद्दावर नेताओं में की जाती है। वे 6 बार लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बन चुके हैं। यही नहीं पिछली मोदी सरकार में भी वे राज्य मंत्री भी रहे थे।
पत्र में लिखी ये बात
वसावा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम जो पत्र लिखा उसमें उन्होंने कहा- वह पार्टी के साथ वफादारी से जुड़े रहे। पार्टी और जिंदगी के सिद्धांतों का बहुत ही सावधानी से पालन किया, लेकिन एक इंसान होने के नाते मुझसे गलती हो गई। इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह लोकसभा सत्र शुरू होने से पहले सांसद पद से भी इस्तीफा दे देंगे।
इन मुद्दों पर उठाई आवाज
मनसुख वसावा ने कई मुद्दों को लेकर अपनी आवज मुखर की, लेकिन पार्टी की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया। उन्होंने राज्य में होने वाली आदिवासी महिलाओं की तस्करी की जानकारी सूबे के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को दी थी। यही नहीं इसके अलावा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के मुद्दे पर वसावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा।
इस पत्र में वसावा ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आस-पास इको-सेंसिटिव जोन रद्द करने की मांग की थी। ये मांग इस इलाके में रहने वाले आदिवासियों की थी। वसावा भी इसी वर्ग से आते हैं, लिहाजा उन्होंने उनकी परेशानी दूर करने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी की ओर से ना तो सुनवाई हुई और ना ही कार्रवाई।
Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Miscellenous India News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi