
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने भारत में ईडी की ओर से उसकी संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है। सर्वोच्च न्यायालय में आज इस याचिका पर सुनवाई होगी। बता दें, पिछली सुनवाई में विजय माल्या ने एक बार फिर भारतीय बैंकों से कहा था कि वह लिया गया पूरा का पूरा मूल कर्ज लौटाने को तैयार है।
माल्या पर 9,000 करोड़ रुपए की बैंकों की देनदारी
बता दें, माल्या पर सरकारी बैंकों का 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को उसकी तलाश है। जबकि माल्या लंदन से कह रहे हैं कि- मैं हाथ जोड़कर बैंकों से अनुरोध करता हूं कि वह अपना शत प्रतिशत मूल धन हमसे तुरंत ले सकते हैं।
उधर, भारत सरकार की तरफ से पेश हो रही राजशाही अभियोजन सेवा (CPA) माल्या के वकील के उस दावे का खंडन करने वाले सबूतों को उच्च न्यायालय लेकर गई है। जिनमें कहा गया था कि मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बुथनॉट ने यह गलत पाया कि माल्या के खिलाफ भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन का प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
दो न्यायाधीशों की पीठ कर रही है सुनवाई
सीपीएस के वकील मार्क समर्स ने 13 फरवरी को बहस शुरू करते हुए कहा था कि- 'उन्होंने (किंगफिशर एयरलाइन ने बैंकों को) लाभ की जानबूझकर गलत जानकारी दी थी।' लार्ड जस्टिस स्टेफन ईरविन और जस्टिस इलिजाबेथ लाइंग ने कहा कि वे 'बहुत जटिल मामले पर विचार करने के बाद किसी ओर तारीख को फैसला देंगे।' दो न्यायाधीशों की यह पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
जमानत पर हैं माल्या
माल्या प्रत्यर्पण वारंट को लेकर जमानत पर चल रहे हैं। इसके अनुसान- उनके लिए यह जरूरी नहीं है कि वह सुनवाई में हिस्सा ले। लेकिन वह अदालत में मौजूद था। वह 11 फरवरी से ही सुनवाई के दौरान मौजूद रहा है। दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने इस बात को खारिज किया है कि माल्या पर धोखाधड़ी और धन शोधन का प्रथम दृष्टया मामला बनता है। बचाव पक्ष का कहना है कि किंगरफिशर एयरलाइन आर्थिक दुर्भाग्य का शिकार हुई है, जैसे अन्य भारतीय एयरलाइनें हुई हैं।
Updated on:
18 Feb 2020 01:31 pm
Published on:
18 Feb 2020 09:46 am
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