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हैदराबाद: करगिल शहीद को बेटी की अनोखी श्रद्धांजलि, 19 साल की उम्र में पिता पर लिख दी किताब

19 साल की एक लड़की ने करगिल शहीद पिता पर किताब लिख कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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हैदराबाद: करगिल शहीद को बेटी की अनोखी श्रद्धांजलि, 19 साल की उम्र में पिता पर लिख दी किताब

नई दिल्ली। हैदराबाद की 19 साल की एक लड़की ने करगिल शहीद पिता को अनोखे अंदाज में श्रद्धांजलि दी। उसने देश की सीमा की रक्षा में शहीद हुए अपने पिता के पराक्रम पर किताब लिख डाली। बता दें कि वीरता के दूसरे सर्वोच्च पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित मेजर पद्मपाणि आचार्य दुश्मनों से लोहा लेते हुए कारगिरल पर अपनी जान गंवाई थी।

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पिता की मृत्यु के बाद हुआ था जन्म

किताब लिखने वाली लड़की का नाम अपराजिता है। उसने किताब में बताया कि किस तरह से उनके पिता ने देश की रक्षा में खुद को कुर्बान कर दिया। अपने द्वारा लिखी किताब में अपराजिता ने पिता के सैन्य लाइफ के संबंध से जुड़ी ज्यादार बातों को बताया है। आपको बता दें कि मेजर पद्मपाणि जब शहीद हुए थे उस दौरान अपराजिता का जन्म नहीं हुआ था। पिता की शहदत के समय वह अपने मां के गर्भ में ही थी। पिता की मृत्यु के तीन महिने बाद उसका जन्म हुआ था।

मुझे अपने पिता पर गर्व है

किताब के बारे में बताते हुए अपराजिता ने बताया, 'इस किताब में मेरे पिता के द्वारा घर पर भेजे गए पत्रों, तस्वीरों के साथ ही उनकी जिंदगी के किस्से भी हैं। भले ही मैं अपने पिता को देख नहीं पाई थी लेकिन मुझे उन पर गर्व है। उन्होंने सबसे पहले अपने देश को माना और देश के लिए ही शहिद हो गए। उनकी यह शहदत कभी भुली नहीं जा सकती। बता दें कि मेजर पद्मपाणि ने 1999 की जंग में अपनी टीम की अगुवाई की थी। 1999 की जंग में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी कारगिल में घुस आए थे और उन्होंने भारतीय सेना पर हमला कर दिया था। मेजर 28 जून 1999 को शहीद हो गए थे।

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देश के रोल मॉडल

वहीं, किताब की लॉन्चिंग के समय तेलंगाना सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल एन. श्रीनिवास राव भी वहां मौजूद रहें। आपको बता दें कि मेजर राव ने भी उस जंग में मेजर आचार्य के साथ थे। शहीद मेजर के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'मेजर आचार्य केवल सैनिकों के लिए ही नहीं, बल्कि देश के भी रोल मॉडल हैं।'


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