बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद से (Indian Aif Force) अपनी क्षमताओं-सिस्टम को कर रही है मजबूत।
2000 से ज्यादा कर्मचारियों को लड़ाकू विमानों की स्क्वैड्रनों में किया तैनात।
स्वयं वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria) कर रहे हैं पुनर्गठन की निगरानी।
भारतीय वायुसेना
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (Indian Aif Force) किसी बड़ी तैयारी में है। अब वायुसेना ने अपनी युद्ध के लिए इस्तेमाल लाई जाने वाली लड़ाकू यूनिट्स का पुनर्गठन किया है। बेहतर परिचालन कार्यों में तैयार रहने के लिए वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमानों की स्क्वैड्रनों की क्षमता में 20 फीसदी का इजाफा किया है।
उन्होंने कहा, लड़ाकू स्क्वैड्रनों में ज्यादा संख्या में कर्मचारियों की तैनाती होने से वहां के मौजूदा कर्मियों पर से काम का बोझ कुछ कम होने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इन कर्मचारियों से उड़ान संचालन में सुरक्षा बढ़ाने में भी सहायता होगी।
सेवाओं के इस पुनर्गठन की निगरानी वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria) स्वयं कर रहे हैं। बीते वर्ष 1 अक्टूबर को भदौरिया ने वायुसेना प्रमुख पद का कार्यभार संभाला था। इसके अलावा वायुसेना ने अब सेवाओं में फ्लैग ऑफिसर्स के सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति के लिए भी कड़े नियम लागू कर दिए हैं।
गणतंत्र दिवस से पहले बड़ा शक्ति प्रदर्शन, दाग दी हजारों किलोमीटर दूर मार करने वाली न्यूक्लियर मिसाइल गौरतलब है बीते वर्ष बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारतीय वायुसेना (Indian Aif Force) अपनी उड़ान क्षमताओं को मजबूत करने में जुटी हुई है। इसके तहत वायुसेना ने हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और हवा से जमीन पर भारी तबाही की क्षमता के साथ मार करने के लिए स्पाइस 2000 बम जैसे वेपन सिस्टम्स और स्ट्रम अटाका एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों को शामिल किया है।