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LAC पर चीनी सेना को IAF का जवाब, DBO में चिनूक ने भरी दमदार उड़ान

IAF की Chinook Helicopter ने दौलत बेग ओल्डी ( DBO ) के ऊपर 16 हजार फीट पर रात में उड़ान भरी। DBO इलामें में IAF की हवाई पट्टी है जिसे 1962 के युद्ध के दौरान बनाया गया था।

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chinook Helicopter

चिूनक हेलीकॉप्टर ने चीन से लगते वास्तविक नियंत्रण (LAC) वाले इलाके में 16 हजार फीट की हाइट पर उड़ान भरी।

नई दिल्ली। एक तरफ भारत और चीन ( India and China ) के बीच सीमा विवाद ( Border Dispute ) को लेकर टॉप कमांडरों की बीच बातचीत का दौर जारी है तो दूसरी चीन अपनी सेना की संख्या को भी बढ़ा रहा है। ड्रैगन ( Dragon )के इस नापाक इरादे को आंख दिखाने के लिए आईएएफ की चिनूक हेलीकॉप्टर ( Chinook Helicopter ) ने दौलत बेग ओल्डी ( DBO ) इलाके में दमदार उड़ान भरी। चिूनक हेलीकॉप्टर ने चीन से लगते वास्तविक नियंत्रण ( LAC ) वाले इलाके में 16 हजार फीट की हाइट पर ये उड़ान भरी।

बता दें कि DBO इलामें में आईएएफ की हवाई पट्टी है। इस हवाई पट्टी को मूल रूप से 1962 के युद्ध के दौरान बनाया गया था। अब तनाव के बीच इस इलाके में चीन की सेना ने रोड बनाने का काम शुरू कर दिया है।

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सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डीबीओ ( DBO ) के ऊपर रात के समय चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ाने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि भारतीय सेना की विशेष बलों और पैदल सेना से निपटने की तीव्र क्षमता को टेस्ट किया जा सके।

इस बारे में सेना के एक सीनियर कमांडर ने कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर चुशुल क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। जबकि अमेरिका में बने चिनूक से रात की लड़ने की क्षमताओं का परीक्षण किया गया। युद्धक क्षमता का आकलन करने के लिए इस हेलीकॉप्टर ने डीबीओ के ऊपर उड़ान भरी।

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डीबीओ में पहले से तैनात हैं टी-90 टेंक

इसके अलावा सेना ने डीबीओ इलाके में T-90 टैंक और तोपें पहले ही तैनात कर चुकी है। चिनूक का अफगानिस्तान की पहाड़ी इलाकों में रात में उड़ान भरने का एक प्रमाणित रिकॉर्ड है। इसका उपयोग विशेष हवाई बलों द्वारा तेजी से सैन्य जवाबी कार्रवाई के लिए किया जाता है।

डेपसांग से पीएलए को हटाए चीन

दूसरी तरफ शनिवार को भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई। इस बातचीत के दौरान भारत ने चीन को डेपसांग सेक्टर से तुरंत अपने सैनिक पीछे हटाने को कहा। साथ ही भारत ने चीन को इन इलाकों में निर्माण कार्य भी बंद करने को कहा है। इस इलाके में दोनों देशों ने भारी संख्या में सैनिक तैनात कर रखे हैं।