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अगस्त अंत तक आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, प्रतिबंधों में ढील बनेगी बड़ी वजह

आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा की मानें तो एक राष्ट्रव्यापी तीसरी लहर आएगी। हालांकि, इसका यह जरूरी नहीं कि तीसरी लहर भी दूसरी की तरह खतरनाक या उतनी ही तीव्र होगी।  

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Ashutosh Pathak

Jul 16, 2021

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नई दिल्ली।

देश में कोरोना (Coronavirus) की तीसरी लहर कब दस्तक देगी, इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह निश्चित नहीं है कि तीसरी लहर आएगी। वहीं, कई विशेषज्ञ बता रहे हैं कि तीसरी लहर आएगी और यह अक्टूबर से नवंबर के बीच तबाही मचाएगी। मगर अब आईसीएमआर के विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक भारत में अगस्त के अंत तक होगी। उनका यह भी कहना है कि यह दूसरी लहर से कम घातक होगी।

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आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा की मानें तो एक राष्ट्रव्यापी तीसरी लहर आएगी। हालांकि, इसका यह जरूरी नहीं कि तीसरी लहर भी दूसरी की तरह खतरनाक या उतनी ही तीव्र होगी। कोरोना की तीसरी लहर आने की वजहों को बताते हुए उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी से ठीक हुए मरीज इसका बड़ा कारण हैं। यानी कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर के दौरान कोरोना से ठीक हुए मरीजों में कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट शामिल है और यही तीसरी लहर की वजह बन सकता है।

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डॉक्टर पांडा ने बताया कि कोरोना वायरस का कोई वेरिएंट ऐसा भी हो सकता है, जिसके खिलाफ हासिल की गई इम्युनिटी भी कोई असर नहीं दिखा पाएगी और ऐसा वेरिएंट तेजी से फैलेगा। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि कोरोना प्रतिबंधों से हटाई जा रही ढील भी तीसरी लहर का बड़ा कारण बनेगी। बहरहाल, पांडा ने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि डेल्टा वेरिएंट लोगों के स्वास्थ्य पर ज्यादा खराब असर डाल सकता है।