
2017 के डोकलाम घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सैन्य गतिरोध है।
नई दिल्ली। भारत और चीनी सेना ( India-China ) ने बुधवार को कमांडर लेवल और मेजर जनरल ( Commander and Major General ) स्तर की बातचीत के पहले तनाव में कमी के संकेत दिए हैं। जानकारी के मुताबिक दोनों सेनाएं सांकेतिक तौर पर पूर्वी लद्दाख ( East Ladakh ) के कुछ क्षेत्रों से पीछे हटी हैं। दोनों के बीच सीमा विवाद को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए आज फिर बातचीत होगी।
सकारात्मक नतीजे के संकेत
बुधवार को सीमा विवाद को लेकर पहले मेजर जनरल स्तर की बातचीत होगी। उसके बाद फील्ड कमांडरों के बीच भी वार्ता होगी। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आज बातचीत से कुछ और सकारात्मक नतीजे निकलेंगे।
सेना के 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेट जनरल हरिंदर सिंह और चीन के दक्षिणी शिंजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक के कमांडर मेजर जनरल लियु लिन के बीच पिछली वार्ता हुई थी। 6 जून को दोनों के बीच हुई वार्ता के बाद सहमति बनी थी कि दोनों सेनाएं सांकेतिक तौर पर कुछ पीछे हटेंगी। ताकि सकारात्मक संदेश ( Positive Signal ) दिया जाए।
इसका यह मतलब नहीं है कि सैनिकों की वापसी में बड़ा बदलाव आया हो। अभी भी बड़ी तादाद में चीनी सैनिक गलवान घाटी Galwan Valley क्षेत्र में मौजूद हैं, जिस पर भारत ने आपत्ति जताई है।
सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों सेनाओं ने गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वॉइंट 14-15 और हॉट स्प्रिंग क्षेत्र के आसपास से पीछे हटना शुरू किया है। चीनी सेना दो क्षेत्रों से डेढ़ किलोमीटर पीछे हटी है। हालांकि इस बारे में रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।
अस्थायी ढांचा हटाने का सिलसिला शुरू
दोनों सेनाओं ने सैनिकों के अलावा इन तीन इलाकों से कुछ अस्थायी ढांचा भी हटाया गया है। चीनी सेना ने कुछ तंबू भी वहां से हटाए हैं। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने इसे सकारात्मक घटनाक्रम बताया है। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर शांति कायम रखने और बातचीत के जरिए गतिरोध को सुलझाने पर सहमत हैं।
पैंगोंग सो में नहीं बदली स्थिति
दोनों सेनाएं पैंगोंग सो, दौलत बेग ओल्डी, डेमचोक जैसे क्षेत्रों में तो अपने मोर्चे पर डटी हैं। अगले कुछ दिनों में टकराव का समाधान खोजने के लिए कई दौर की वार्ताएं होंगी। संभावना जताई जा रही है कि बातचीत के बाद हल निकल आएगा।
35 दिन पहले हुई थी झड़प
भारतीय और चीनी सैनिकों में पैंगोंग सो इलाके में 5 और 6 मई को हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद से दोनों पक्ष वहां आमने-सामने थे और गतिरोध बरकरार था। यह 2017 के डोकलाम ( Doklam Dispute ) घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सैन्य गतिरोध बन रहा था।
Updated on:
10 Jun 2020 08:21 am
Published on:
10 Jun 2020 08:08 am
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