
नई दिल्ली। देश की सुरक्षा तैयारियों के मद्देनजर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ( DRDO ) ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में स्वदेश निर्मित मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ( MPATGM ) का सफल परीक्षण किया। सफल परीक्षण के बाद रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह एमपीएटीजीएम (MPATGM) के सफल परीक्षण की यह तीसरी श्रृंखला है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि अब सेना अपने जरूरतों के हिसाब से इस मिसाइल का इस्तेमाल करेगी।
दागो और भूल जाओ
सेना के अधिकारियों ने कहा है कि स्वदेश निर्मित मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ( MPATGM ) का परीक्षण करने के साथ ही मनुष्य द्वारा ले जाने योग्य टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल की तीसरी पीढ़ी को स्वदेश में विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय सेना के मनोबल में बढ़ोतरी के तहत डीआरडीओ ने बुधवार कुरनूल रेंज से स्वदेश विकसित कम वजनी, दागो और भूल जाओ एमपीएटीजीएम का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल को मनुष्य द्वारा ढो सकने वाले ट्राइपॉड लॉन्चर से दागा गया और यह निर्धारित लक्ष्य को भेदने में सफल रहा।
एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल मामले में भारत आत्मनिर्भर
अब भारतीय सेना युद्ध के समय इस मिसाइल का इस्तेमाल दुश्मनों के टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों को पस्त करने के लिए करेगी। डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा है कि मिसाइल प्रोजेक्ट के क्षेत्र में यह एक बड़ी सफलता है। अब भारत एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया है।
Published on:
12 Sept 2019 11:53 am
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