29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अपनी टीम के हीरो थे शहीद जवान औरंगजेब, कई खूंखार आतंकियों को उतारा था मौत के घाट

भारतीय सेना के जवान औरंगजेब को अगवा करने के 12 घंटे बाद आतंकियों ने मार दिया। उनके शव के साथ भी बर्बरता की गई थी।

2 min read
Google source verification

image

Chandra Prakash Chourasia

Jun 15, 2018

Aurangzeb

अपनी टीम के हीरो थे शहीद जवान औरंगजेब, कई खूंखार आतंकियों को उतारा था मौत के घाट

नई दिल्ली। 44वीं राष्ट्रीय राइफल्स के पूंछ निवासी जवान औरंगजेब की हत्या को अगवा करने के 12 घंटे बाद आतंकियों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी। देर रात उनका शव अपहरण स्थल से आठ किलोमीटर दूर पुलवामा के गुसू गांव में बरामद हुआ। जवान के सिर और पैर पर कई गोलियों मारी गई थी। आतंकियों ने बर्बारता दिखाते हुए उनके चेहरे को भी क्षत विक्षत कर दिया।

समीर एनकाउंटर के हीरो थे औरंगजेब

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 30 अप्रैल,2018 को हिजबुल आतंकी समीर टाइगर को मौत के घाट उतारने वाली मेजर रोहित शुक्ला की टीम में औरंगजेब शामिल थे। मेजर रोहित ने इस एनकाउंटर के बाद औरंगजेब को हीरो बताया था। समीर टाइगर ने 2016 हिजबुल ज्वाइन किया था। उसे हिजबुल अपने पोस्टर ब्वॉय के तौर पर पेश करता था। उसकी मौत से हिजबुल बौखला उठा था। समीर ने आतंकी वसीम के जनाने में भी शामिल होकर मीडिया की सुर्खियों में आने के लिए फायरिंग की थी।

यह भी पढ़ें: कश्मीर: लश्कर पर पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का शक, पुलिस ने जारी की संदिग्धों की तस्वीर

अगवा करने के 12 घंटे बाद मिला शव

औरंगजेब गुरुवार को ईद की छुट्टी मनाने पूंछ स्थित अपने घर जा रहे थे। वो शादी मार्ग स्थित अपने कैंप से एक अन्य जवान के साथ निकले थे। सड़क पर उन्होंने एक प्राइवेट गाड़ी को हाथ देरकर रूकने का इशारा किया और शोपियां तक छोड़ने की बात कही। करीब 10 बजे गाड़ी पुलवामा जिले के कलमपोरा के पास पहुंची। यहां सड़क पर पहले से करीब 5 आतंकी हथियारों के साथ रास्ता रोककर खड़े थे। यहां से वो औरंगजेब को अगवा कर अपने साथ ले गए।

जवान को खोजने वाली टीम पर पत्थरबाजी

औरंगजेब को अगवा करने की खबर मिलते ही सेना ने पूरे इलाके को घर कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। पुलवामा के हर गांव में सेना ने गहन छानबीन की लेकिन जवान का कोई पता नहीं चला। इस दौरान द्रबगाम में सेना की सर्चिंग टीम पर जमकर पत्थरबाजी हो रही थी। पत्थरबाज सेना के ऑपरेशन में खलल डालना चाहते थे लेकिन जब सेना ने लाठियां चलानी शुरू की तो पत्थरबाज भाग खड़े हुए। देर रात तक सेना जवान की तलाश कर ही रही थी कि गुसू गांव में औरंगजेब का मिलने की खबर मिली।