
चीन को जवाब देने के लिए भारतीय सेना मोड़ा बोफोर्स का मुंह
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख ( Ladakh ) में भारत और चीन के सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर तनाव ( India China Border Tension ) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। करीब 1 महीने से ज्यादा वक्त से दोनों देशों के बीच तल्खियां बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर अपनी सैन्य शक्ति में लगातार इजाफा कर रही हैं।
हालांकि दोनों देशों के बीच इस तनाव को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और बातचीत का सहारा लिया जा बावजूद इसके अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। इस बीच दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने को तैयार नहीं है।
यही वजह है कि सीमा पर भारतीय सेना ( Indian Army ) ने चीन को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए हथियारों, आर्टिलरी गनों, टी-90 टैंक ( Tank ) तैनात करने के साथ ही बोफोर्स ( Bofors ) का मुंह भी चीनी सेना की तरफ मोड़ दिया है।
भारत अब चीन से दो-दो हाथ के मूड में दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि पूर्वी लद्दाख की सीमा पर भारतीय सेना ने अपनी पुख्ता तैयारी कर ली है। काफी कम समय में टी-72, टी-90 टैंकों और बोफोर्स जैसी आर्टिलरी गनों को लद्दाख सीमा पर तैनात किया जा सकता है।
यहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल करीब एक महीने पहले 5 मई से लद्दाख के गलवान और पैंगोंग सो इलाके में सेनाएं आमने-सामने डटी हैं। सूत्रों की माने तो चीन की सेना ने पैंगोग सो और फिंगर इलाके में एलएसी से 100 मीटर पीछे अपने टेंट गाड़े हैं।
चीनी सेना ने अब तक सिर्फ पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से अपने कदम कुछ पीछे किए हैं लेकिन गलवान में चीन की सेना पेट्रोलिंग पॉइंट 14 और 16 पर डंटी हुई है।
चीन से तनाव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि तनाव को लेकर चीन से कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तर पर बातचीत चल रही है। लेकिन अब सारी नजरें 6 जून को होने वाली लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत पर टिकी है। इसमें सेना की 14वीं कोर के कमांडर और पीएलए के वेस्टर्न थिअटर के इसी रैंक के अधिकारी हिस्सा लेंगे।
Published on:
04 Jun 2020 04:18 pm
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