
एलएसी पर चीन को चित करने के लिए भारत की मजबूत तैयारी
नई दिल्ली। भारत और चीन ( India China Tension ) के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प ( Galvan Valley Violence ) के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार दोनों देशों के कमांडर ( Commander Level Talk ) स्तर की बातचीत भी की जा रही है, लेकिन वो भी बेनतीजा ही निकल रही है। इस बीच दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख ( Ladakh ) में वास्तविक नियंत्र रेखा ( LAC ) के पास अपनी ताकत में इजाफा कर रही है। चीन को चित करने के लिए भारत ने अपनी तोपों और लड़ाकू विमानों के साथ अब एक और मोर्चे पर बड़ी तैयार कर ली है।
भारत ड्रैगन को ढेर करने के लिए अब एलएसी में हाईटेक बोट ( HighPower Boat ) भेज रहा है। इन बोट के तैनात होते ही ड्रैगन की सारी हेकड़ी निकल जाएगी।
भारत और चीन के बीच युद्ध के हालात बने हुए हैं और इस टकराव को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की तीन बार बातचीत हो चुकी है। मंगलवार को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर वार्ता करीब 12 घंटे चली।
इस पर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है कि इसमें क्या निर्णय हुआ। लेकिन इस बीच जो बड़ी जानकारी मिली है वो ये कि भारत ने चीन को चित करने के लिए अपनी हाईटेक बोट को रवाना कर दिया है।
चीन को करारा जवाब
इंडियन नेवी की तरफ से हाई पावर और ज्यादा क्षमता वाली नावों को लद्दाख भेजा जा रहा है। ये नाव अपने तरह की अत्याधुनिक सुविधाओं के लैस होंगी।
स्टील से बनी हैं नाव
ये हाई पावर नाव स्टील की बनी हुई हैं और नाव में सर्विलांस की क्षमता पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा है। लद्दाख की पैंगोंग झील पर भारतीय सेना के ऑफिसर और जवान बोट के जरिए चीन की हरकतों पर नजर रखते हैं।
तीनों सेनाओं का फैसला
स्टील की बनी इन नावों को पैंगोंग में उतारने का फैसला तीनों सेनाओं की ओर से मिलकर लिया गया है। नेवी को आदेश दे दिए गए हैं कि वह वायुसेना के सबसे भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-17 की मदद से प्राथमिकता के आधार पर इन्हें तुरंत लेह के लिए रवाना करे। हालांकि इन नावों को भेजने में लॉजिस्टिक से जुड़ी कुछ समस्याएं बनी हुई हैं।
नेवी की तरफ से भेजी जा रही ये नाव चीनी सेना के पास मौजूद टाइप 928B जहाजों का जवाब है। चीनी जवान यहां के दोनों किनारों पर कब्जा किए हुए हैं। पैंगोंग झील, पूर्वी लद्दाख में इस समय भारत-चीन के बीच तनाव का बड़ा कारण है।
आपको बता दें कि लद्दाख LAC के पूर्वी सेक्टर में आता है और यहां पर करीब 1597 लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा है। सरकार की तरफ से सेनाओं को स्थिति के मुताबिक फैसला लेने और एक्शन लेने की छूट मिली है।
Updated on:
01 Jul 2020 04:41 pm
Published on:
01 Jul 2020 02:21 pm
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