
बिजली बचाने के लिए Indian Railways की पहल, Train आने पर जलेंगी सारी लाइट, जाते ही हो जाएगी बंद
नई दिल्ली।
IRCTC Update: लॉकडाउन ( Lockdown ) के बाद भारतीय रेलवे ( Indian Railways ) ने कई नई उपलब्धियां हासिल की है। इसी कड़ी में अब रेलवे ने बिजली बचत ( Electricity Saving ) के लिए बड़ी पहल शुरू की है। रेलवे ने नई तकनीक का सहारा लेते हुए बिजली की खपत कम करने के लिए प्लेटफार्म पर स्वचालित लाइट नियंत्रण सिस्टम ( Automated Light Control System ) लगाया है।
इससे ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने पर 100 फीसदी लाइट्स जलेंगी। वहीं, ट्रेन के जाने पर 50 फीसदी लाइट्स खुद ही बंद हो जाएंगी। पहले चरण में पश्चिम रेलवे के भोपाल ( Bhopal ), जबलपुर ( Jabalpur ) और नरसिंहपुर ( Narsinghpur ) स्टेशन पर इस व्यवस्था को लागू किया गया है। रेलवे की ओर से कहा गया कि इस योजना से बिजली की खपत कम कम होगी। रेलवे मंत्रालय द्वारा ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी गई है।
70 फीसदी तक कम होगी बिजली की खपत
रेलवे की ओर से ट्वीट में कहा गया , ऊर्जा संरक्षण में भारतीय रेल की यह एक अनूठी पहल है। ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने पर जलेंगी 100% लाइट्स, और जाने पर 50% लाइट्स स्वतः बंद हो जाएंगी। इससे ऊर्जा की होगी बचत, कम होगी खपत। रेलवे ने कहा कि इसकी मदद से प्लेटफार्म पर होने वाली बिजली की खपत को 70 फीसद कम किया जाएगा।
कैसे करेगा काम
रिपोर्ट के अनुसार, यह सिस्टम प्लेटफार्म के दोनों ओर आउटर पर लगे सिग्नल की मदद से संचालित होगा। यानी कि जैसे ही ट्रेन आउटर पर लगे सिग्नल को पार करेंगी, प्लेटफार्म की 100 फीसद लाइट जल जाएगी। जब तक ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रहेगी लाइट जलती रहेगी। वहीं, ट्रेन के रवाना होने पर आउटर के सिग्नल को पार के बाद प्लेटफार्म की 70 फीसद लाइट खुद बंद हो जाएगी।
बिना बिजली-डीजल वाली ट्रेन
बता दें कि भारतीय रेलवे ने ऐसा इंजन ( Locomotive ) तैयार किया है, जो डीजल-बिजली से नहीं बल्कि बैटरी ( Battery Operated Locomotive ) से चलता है। इसका सफल परीक्षण भी कर लिया गया है। यानी कि भविष्य में अब बैटरी से चलने वाली ट्रेनें पटरी पर दौड़ती नजर आ सकती हैं। रेलवे ने जबलपुर मंडल ( Jabalpur Division ) में बैटरी से चलने वाला ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' बनाया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ( Railway Minister Piyush Goyal ) ने कहा कि बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। रेलवे का कहना है कि इस इंजन का निर्माण बिजली और डीजल की खपत को बचाने के लिए किया गया है।
Updated on:
13 Jul 2020 03:56 pm
Published on:
13 Jul 2020 03:54 pm
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