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Indian Railways: 2030 तक रेलवे बन जाएगा ‘ग्रीन’, हासिल करेगा बड़ा मुकाम

-2030 तक भारतीय रेलवे ( Indian Railways ) पूरी तरह ग्रीन हो जाएगी। -रेलवे ने 2030 तक खुद को ग्रीन रेलवे ( Green Railways ) में पूरी तरह से कन्वर्ट करने का लक्ष्य रखा है।-इसके लिए रेलवे ने कई बड़ी पहल शुरू की है, इसमें ग्लोबल वार्मिंग ( Global Warming ) को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भी तैयारी की जा रही है।-बता दें कि लॉकडाउन ( Lockdown ) के बाद रेल यात्रा को सुगम बनाने के लिए रेलवे ने कई प्रोजेक्ट ( Railways Project ) शुरू किए हैं।

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Indian Railways update to become green railway till 2030 innovation

Indian Railways: 2030 तक भारतीय रेलवे बन जाएगा ‘ग्रीन’, हासिल करेगा बड़ा मुकाम

नई दिल्ली।
2030 तक भारतीय रेलवे ( Indian Railways ) पूरी तरह ग्रीन हो जाएगी। रेलवे ने 2030 तक खुद को ग्रीन रेलवे ( Green Railways ) में पूरी तरह से कन्वर्ट करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए रेलवे ने कई बड़ी पहल शुरू की है, इसमें ग्लोबल वार्मिंग ( Global Warming ) को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भी तैयारी की जा रही है।

बता दें कि लॉकडाउन ( Lockdown ) के बाद रेल यात्रा को सुगम बनाने के लिए रेलवे ने कई प्रोजेक्ट ( Railways Project ) शुरू किए हैं। रेलवे ट्रेनों की एनर्जी एफिसिएंसी बढ़ाने, रेलवे विद्युतीकरण, ट्रेन ( Trains ) के डिब्बों में बॉयो टॉयलेट की फिटिंग, लोकोमोटिव ( Locomotive ) में सुधार और स्टेशनों को ग्रीन साथ ही ऊर्जा के रीन्यूबल सोर्स पर स्विच करना है समेत कई योजनाओं पर काम कर रहा है, ताकि जीरो कार्बन एमिशन कास लक्ष्य पूरा किया सके।

बिजली बचत के लिए Indian Railways की बड़ी पहल, अब Train आने पर जलेंगी सारी लाइट, जाते ही होगी बंद

लाइट्स का स्वचालित लाइट नियंत्रण सिस्टम
इसी कड़ी में रेलवे ने बिजली बचत ( Electricity Saving ) के लिए बड़ी पहल शुरू की है। रेलवे ने बिजली की खपत कम करने के लिए प्लेटफार्म पर स्वचालित लाइट नियंत्रण सिस्टम ( Automated Light Control System ) लगाया है। इससे ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने पर 100 फीसदी लाइट्स जलेंगी। वहीं, ट्रेन के जाने पर 50 फीसदी लाइट्स खुद ही बंद हो जाएंगी। पहले चरण में पश्चिम रेलवे के भोपाल ( Bhopal ), जबलपुर ( Jabalpur ) और नरसिंहपुर ( Narsinghpur ) स्टेशन पर इस व्यवस्था को लागू किया गया है। रेलवे की ओर से कहा गया कि इस योजना से बिजली की खपत कम कम होगी।

सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने की पहल
बिजली बचत के साथ ही रेलवे ने सोलर एनर्जी पर भी जोर दिया है। रूफटॉप सोलर पैनल के जरिए 500 मेगा वाट ऊर्जा की क्षमता का दोहन करने के लिए रेलवे काम कर रहा है। अब तक 900 स्टेशनों सहित कई इमारतों की छत पर 100 मेगा वाट के सोलर प्लांट लगाए गए हैं। इनको पूरा करने के लिए रेलवे ने दिसंबर 2022 का लक्ष्य रखा है।

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रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन
रेलवे ने 2014-20 के दौरान 18,605 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया। अब तक कुल 40,000 से अधिक रूट किमी का विद्युतीकरण हो चुका है। भारतीय रेलवे ने साल 2020-21 के लिए 7,000 आरकेएम के विद्युतीकरण का लक्ष्य तय किया है

पवन ऊर्जा
रेलवे ने पवन ऊर्जा क्षेत्र में भी कदम बढ़ाए हैं। इसी कड़ी में 103 मेगावाट पवन आधारित पावर प्लांट शुरू कर दिया गया है। इनमें 26 मेगावाट राजस्थान के जैसलमेर में, 21 मेगावाट तमिलनाडु में और 56.4 मेगावाट महाराष्ट्र के सांगली में है। रेलवे आगे भी पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है।


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