16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

VIDEO: दुनिया में पहली बार बिना डीजल-बिजली के चली ट्रेन, जानें कैसे Indian Railways ने किया कमाल

-भारतीय रेलवे ( Indian Railways ) एक के बाद एक नई उपलब्धियां हासिल करता जा रहा है। -रेलवे ने ऐसा इंजन ( Locomotive ) तैयार किया है, जो डीजल-बिजली से नहीं बल्कि बैटरी ( Battery Operated Locomotive ) से चलता है। -रेलवे ने इसका सफल परीक्षण भी कर लिया है। यानी कि भविष्य में अब बैटरी से चलने वाली ट्रेनें पटरी पर दौड़ती नजर आ सकती हैं।-रेलवे ने जबलपुर मंडल ( Jabalpur Division ) में बैटरी से चलने वाला ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' बनाया है।

2 min read
Google source verification
indian railways video battery engine train test successful first time

दुनिया में पहली बार बिना डीजल-बिजली के चली ट्रेन, जानें कैसे Indian Railways ने किया कमाल

नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ( Indian Railways ) एक के बाद एक नई उपलब्धियां हासिल करता जा रहा है। इस बार रेलवे ने इंजन के क्षेत्र में नई उपलब्धि हासिल की है। रेलवे ने ऐसा इंजन ( Locomotive ) तैयार किया है, जो डीजल-बिजली से नहीं बल्कि बैटरी ( Battery Operated Locomotive ) से चलता है। इतना ही नहीं रेलवे ने इसका सफल परीक्षण भी कर लिया है। यानी कि भविष्य में अब बैटरी से चलने वाली ट्रेनें पटरी पर दौड़ती नजर आ सकती हैं।

रेलवे ने जबलपुर मंडल ( Jabalpur Division ) में बैटरी से चलने वाला ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' बनाया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ( Railway Minister Piyush Goyal ) ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। रेलवे का कहना है कि इस इंजन का निर्माण बिजली और डीजल की खपत को बचाने के लिए किया गया है।

Indian Railways: पहली बार रेलवे चलाएगा नए ढंग से 151 नई High Speed Trains

दुनिया में पहली बार हुआ ऐसा
भारतीय रेलवे ने बैटरी वाले इंजन का परीक्षण कर नया इतिहास भी रच दिया है। इंडियन रेलवे का दावा है कि यह कारनामा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। बता दें कि इससे पहले रेलवे ने सोलर पावर की बिजली से ट्रेनों को चलाने की बात कही थी। इसके लिए मध्य प्रदेश के बीना में रेलवे ने सोलर प्लांट भी तैयार कर लिया है, जिसमें 1.7 मेगा वॉट की बिजली का उत्पादन होगा।

Indian Railways: शताब्दी समेत इन ट्रेनों को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों को होगा फायदा

2030 तक तैयार होगा नेट जीरो कार्बन एमिशन नेटवर्क
रेलवे ने 2030 तक नेट जीरो कार्बन एमिशन मास ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क’ तैयार करने का लक्ष्य रखा है। West central rail ने जबलपुर स्टेशन ( Jabalpur Station ) के प्लेटफार्मों पर खास सिस्टम लगाया है।

शेषनाग की उपलब्धि
बता दें कि रेलवे ने इससे पहले पटरी पर शेषनाग दौड़ाकर इतिहास रचा था। इस ट्रेन में चार इंजन लगाए गए थे और ये ट्रेन 251 वैगन के साथ चली। इससे पहले रेलवे ने 2 किलोमीटर लंबी सुपर एनाकोंडा को दौड़ाया था।