
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस बार के इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण व विकास पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी ने शनिवार को उनके नाम पर निर्विरोध रूप से ऐलान किया है। ज्यूरी ने डॉ. सिंह को उनके देश को बेहतर नेतृत्व देने, अर्थव्यवस्था में सुधार और चीन व पाकिस्तान समेत पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारने की दिशा में वैश्विक पहल में योगदान के लिए दिया है। ज्यूरी ने यह ऐलान करते हुए विशेष टिप्पणी भी की कि मनमोहन सिंह ने जाति, धर्म, भाषा के आधार पर आम आदमी की सुरक्षा के लिए बेहतर कोशिशें कीं।
मनमोहन सिंह दो 2004 से 2014 तक रहे हैं प्रधानमंत्री
डॉ. सिंह देश के तीसरे ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने लगातार दो कार्यकाल 2004 से 2014 तक पूरा किया। UPA सरकार में सबसे ज्यादा कार्यकाल तक डॉ मनमोहन सिंह रहे। उन्हीं के कार्यकाल में अमरीका से परमाणु समझौते और कोपेनेहेगन जलवायु परिवर्तन समझौते हुए। इस पुरस्कार की स्थापना 1986 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर की गई थी। इससे पहले यह पुरस्कार इसरो और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त को मिला था।
यूएनएचसीआर को भी मिल चुका है अवॉर्ड
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2015 में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किया था। इस मौके पर इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी उपस्थित थीं।
इसरो को मिल चुका है सम्मान
वहीं 2014 में भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (इसरो)को यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया जा चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी स्मारक न्यास के ट्रस्टी मनमोहन सिंह ने यह पुरस्कार भेंट की। पुरस्कार इसरो के अध्यक्ष एस किरन कुमार ने ग्रहण किया था।
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी इंदिरा गांधी
गौरतलब है कि इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला और चौथी प्रधानमंत्री थी। इंदिरा गांधी देश की दो बार प्रधानमंत्री बनीं। पहली बार 1966 से मार्च 1977 तक वह भारत की प्रधानमंत्री रहीं। उसके बाद 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं। हालांकि 1984 में उनकी हत्या कर दी गई । इंदिरा गांधी के नाम पर ही इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार दिया जाता है।
Published on:
18 Nov 2017 09:52 pm
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