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ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए इसरों भी आगे आया, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने की सराहना

अहमदाबाद में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए लगभग 1.65 लाख लीटर के दो तरल नाइट्रोजन टैंकों को ऑक्सीजन टैंकों में बदला।

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Central minister jitendra singh

Central minister jitendra singh

नई दिल्ली। पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। ऑक्सीजन की किल्लत के कारण मरीजों की सांसे उखड़ रही हैं। ऐसे में इसरों भी आगे आकर विभिन्न राज्यों को तरल ऑक्सीजन की सप्लाई करने में जुट गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को बताया कि तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेशों में तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए अंतरिक्ष विभाग ने भी योगदान देना शुरू कर दिया है।

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संभावनाओं को तलाशने को कहा गया

केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ सिंह के अनुसार बेंगलुरु, शिलांग और श्रीहरिकोटा के अलावा अन्य जगहों पर COVID केयर सेंटर तैयार करने की संभावनाओं को तलाशने को कहा गया है। सिंह ने बयान में कहा कि अंतरिक्ष विभाग से तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ जैसे राज्यों को तरल ऑक्सीजन के साथ COVID संबंधित सहायता प्रदान करने को कहा गया है। ऑनलाइन समीक्षा बैठक के दौरान सिंह ने बताया कि अहमदाबाद में अंतरिक्ष केंद्र ने आसपास के अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए लगभग 1.65 लाख लीटर के दो तरल नाइट्रोजन टैंकों को ऑक्सीजन टैंकों में सफलतापूर्वक बदल दिया है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स का डिजाइन पहले से ही प्रगति पर

मंत्री ने बताया डिस्पेंसरियों के लिए ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदे जा रहे हैं ताकि जरूरतमंद मरीजों के इलाज में किसी तरह की परेशानी न हो। इसके साथ नए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स का डिजाइन पहले से ही प्रगति पर है। इसरो के अध्यक्ष के के सिवन ने समीक्षा बैठक में कहा कि प्रति दिन 9.5 टन ऑक्सीजन तमिलनाडु और केरल को दी जा रही है, वहीं आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ की ऑक्सीजन क्षमता में वृद्धि हुई।

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12 मीट्रिक टन एलओएक्स भेजा

उन्होंने बताया कि इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (IPRC ) द्वारा निर्मित 87 टन तरल ऑक्सीजन (LOX) तमिलनाडु और केरल को दिया जा चुका है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 12 मीट्रिक टन एलओएक्स (LOX) भेजा गया। सिवन ने कहा कि विभाग आंध्र प्रदेश और केरल में स्थानीय जनता के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है।

फेस शील्ड और पीपीई किट भी दिए

सिवान ने कहा कि जल्द वेंटिलेटर प्राण और वायु के साथ उन्नत चिकित्सा उपकरणों को तैयार करने रूपरेखा बनाई गई है। इसके अलावा,अहमदाबाद में अस्पतालों को फेस शील्ड और पीपीई किट भी दिए जा रहे हैं। अंतरिक्ष विभाग द्वारा प्रदान की गई अन्य तकनीकी सहायता में टीकाकरण केंद्रों की मैपिंग शामिल है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और आईसीएमआर, डिब्रूगढ़, असम के सहयोग से एक मोबाइल ऐप 'फाइट कोरोना' का विकास किया गया है जो त्रिपुरा राज्य में कोरोना के मामलों की जियोटैग के जरिए जानकारी एकत्र करेगा।

वर्चुअल लॉन्च कंट्रोल पर गतिविधियां जारी

सिंह ने के अनुसार इस वर्ष दिसंबर में मानव रहित गगनयान मिशन सहित 10 उपग्रह के प्रक्षेपण परियोजनाओं के लिए काम जारी है। मंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि महामारी के गंभीर प्रभावों के बावजूद बीते छह माह के दौरान PSLV-C49, C50 और C51 के लिए वर्चुअल लॉन्च कंट्रोल पर गतिविधियां जारी रहीं।