आपको बता दें कि चांद पर पहुंचने के अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मिशन मून को लेकर इसरो ने कमर कस ली है। चंद्रयान-3 को नए वर्ष यानी 2021 की शुरुआत में ही लॉन्च कर दिया जाएगा।
चंद्रयान-3 को इससे पहले भेजे गए चंद्रयान-2 से भी काफी मदद मिलेगी। दरअसल चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा, क्योंकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बिलकुल ठीक तरीके से काम कर रहा है और यहां अब तक कई तस्वीरें भी आ चुकी हैं। जिस पर इसरो लगातार काम कर रहा है। ऐसे में चंद्रयान-3 में केवल लैंडर और रोवर ही शामिल होंगे।
इसरो के चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग और लैंडिंग अब तक देशवासियों के साथ-साथ पूरी दुनिया को याद है। इस मिशन ने अंतरिक्ष में भारत की ताकत का बेजोड़ नमूना पेश किया था। अब एक बार फिर चंद्रयान-3 के जरिए मून पर भारत की ओर महत्वाकांक्षी उड़ान भरी जाएगी, इसके साथ ही दुनिया देश की ताकत को देखेगी।
मिशन चंद्रयान के जरिए इसरो अब तक दो चंद्रयान चांद पर भेज चुका है। इनसे देश को कई सफलताएं हाथ लगी। जैसे चंद्रयान-1 के जरिए चांद पर पानी होने की जानकारी मिली। इसके साथ ही चंद्रमा के ध्रुवों पर जंग होने का भी पता चला। वहीं चंद्रयान-2 के जरिए चांद के दक्षिण ध्रुव तक पहुंचने में कामयाबी मिली। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बना जो चांद के दक्षिण ध्रुव तक पहुंच सका।
दुनियाभर में फैली महामारी कोरोना वायरस का असर इसरो के प्रोजेक्टों पर भी पड़ा है। इसी वजह से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग भी अटक गई थी। हालांकि अब इस पर काम तेज कर दिया गया है और इसे 2021 की शुरुआत में ही लॉन्च कर दिया जाएगा।