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हाई अलर्ट पर जम्मू-कश्मीर, सुरक्षा का जायजा लेने NSA डोभाल घाटी के लिए रवाना

locationनई दिल्लीPublished: Aug 05, 2019 03:26:00 pm

High alert पर Jammu Kashmir
सुरक्षा का जायजा लेने रवाना हुए NSA Ajit Doval
8 हजार सुरक्षाबलों के जवानों को घाटी भेजा गया

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( jammu kashmir ) पर मोदी सरकार ( Modi govt ) के ऐतिहासिक फैसले के बाद घाटी में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। खास बात यह है कि NSA अजीत डोभाल ( NSA Ajit Doval ) भी घाटी की सुरक्षा समीक्षा के लिए रवाना हो गया है।
आपको बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर में बड़ी संख्‍या में अतिरिक्‍त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। सरकार ने आठ हजार अतिरिक्‍त सुरक्षा बलों को यूपी, असम एवं ओडिशा समेत अन्‍य भागों से जम्‍मू-कश्‍मीर भेजने का फैसला किया है।
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर पर बहुत बड़ा फैसला लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को खत्म करने का संकल्प राज्यसभा में पेश किया।

साथ ही राज्य के पुनर्गठन विधेयक को पेश किया गया। इस विधेयक के तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख दोनों ही केंद्र शासित प्रदेश होंगे।

जम्‍मू-कश्‍मीर में विधानसभा तो होगी लेकिन बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा।
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हाई अलर्ट पर जम्मू-कश्मीर
जम्‍मू-कश्‍मीर में बड़ी संख्‍या में अतिरिक्‍त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। सरकार ने आठ हजार अतिरिक्‍त सुरक्षा बलों को देश के अलग-अलग हिस्सों से घाटी में भेजा है।
सभी सुरक्षाबलों के जवानों को विमान के जरिए जम्‍मू-कश्‍मीर ले जाया गया। भारतीय सेना और एयर फोर्स को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।

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फैसले के बाद लेह में सामान्य जनजीवन
जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग किए जाने के बाद लेह में जनजीवन सामान्य है। हालांकि कुछ इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है, लेकिन ज्यादा हिस्सा सामान्य है।
यहां स्कूल और कॉलेज भी रोजाना की ही तरह खुले हैं। खास बात यह है कि इस रिजन में धारा-144 नहीं लगाई गई है।

जबकि श्रीनगर और जम्‍मू में धारा-144 लगाई गई है। डलझील में शिकारे खाली हैं और चारों ओर सन्‍नाटा पसरा हुआ है।
राज्यपाल ने मुख्य सचिव को घटना पर नजर रखते हुए हर घंटे रिपोर्ट देने के लिए कहा है। चूंकि मोबाइल सेवाएं बाधित हैं इसलिए अधिकारियों को संपर्क के लिए सेटेलाइट फोन दिए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को उनके घरों में नजरबंद कर लिया गया है। कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है।

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