
जेसिकालाल हत्याकांड का दोषी मनु शर्मा हुआ रिहा
नई दिल्ली। राजधानी के चर्चित जेसिका लाल ( Jessical lal Murder case ) हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा ( Manu Sharma ) को तिहाड़ जेल ( Tihar Jail ) से रिहा कर दिया गया है। मनु शर्मा को समय से पहले ही जेल से रिहा किया गया है। एलजी अनिल बैजल ( LG Anil Baijal ) ने मनु शर्मा समेत 18 अन्य कैदियों को समय से पहले रिहाई वाले आदेश को मंजूरी दे दी है।
दरअसल दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड ने जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की थी। इस सिफारिश पर दिल्ली के उपराज्यपाल ( Lieutenant Governor of Delhi ) अनिल बैजल ( Anil Baijal ) ने मुहर लगा दी है।
मनु शर्मा को 14 साल की कैद के बाद अच्छे व्यवहार के आधार पर तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है। सजा समीक्षा बोर्ड के पास मनु शर्मा का नाम 6वीं बार आया था। इससे पहले मनु के केस को एसआरबी में पांच बार और रखा जा चुका था। हर बार शर्मा के नाम को अगली मीटिंग में लाने के लिए रेफर कर दिया जाता था। हालांकि छठी बार मनु शर्मा को सफलता मिली और उन्हें रिहा कर दिया गया।
ऐसे मिली रिहाई
तिहाड़ जेल में बंद कैदियों की समय से पूर्व रिहाई के लिए सोमवार को सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की मीटिंग हुई थी। इस बैठक में 37 कैदियों के केस रखे गए थे। इनमें से 22 कैदियों को समय से पहले रिहाई के लिए सहमति बनी थी। हालांकि अंतिम फैसला एलजी अनिल बैजल पर छोड़ा गया था, जिस पर उन्होंने 18 कैदियों की रिहाई को मंजूरी दी।
समिति में शामिल थे ये लोग
दिल्ली के गृह मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति में प्रमुख सचिव (गृह), प्रमुख सचिव (विधि), महानिदेशक (जेल), संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), मुख्य परिवीक्षा अधिकारी और एक जिला सदस्य, सदस्य के तौर पर शामिल होते हैं।
1999 में की थी जेसिका लाल की हत्या
30 अप्रैल 1999 की रात को राजधानी दिल्ली इस हत्याकांड से दहल उठी। दक्षिणी दिल्ली के एक पब में जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस रात मनु शर्मा शराब परोस रहीं जेसिका के पास आया था और करीब दो बजे उनसे शराब देने को कहा।
लेकिन तब तक पब का काउंटर बंद हो जाने के कारण जेसिका ने शराब परोसने से मना कर दिया। गुस्से में आकर मनु शर्मा ने जेसिका लाल की गोली मार कर हत्या कर दी।
हरियाणा के कद्दावर नेता विनोद शर्मा का बेटा होने की वजह से मनु शर्मा का केस हाई प्रोफाइल हो गया और लगातार सुर्खियां बंटोरने लगा।
इस केस में निचली अदालत ने तो मनु शर्मा को बरी कर दिया था, लेकिन मीडिया और पब्लिक की वजह से इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ा और कोर्ट में इस मामले की दोबारा से सुनवाई शुरू हुई।
दिसंबर 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट ने मनु शर्मा को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मनु शर्मा ने बाद में सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की लेकिन वहां भी कोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा।
Published on:
02 Jun 2020 05:00 pm
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