
केंद्रीय मंत्री के आश्वासन के बाद जेएनयू छात्रों का धरना खत्म
नई दिल्ली। फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री का आश्वासन मिलने के बाद धरना खत्म कर दिया। इसके बाद छात्रों का प्रतिनिधिमंडल मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' से मिला। मंत्री ने फीस बढ़ोतरी वापस लेने का आश्वासन दिया है। धरना खत्म होने के बाद छात्र सोमवार की शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
जेएनयू छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण सोमवार को दिल्ली में भारी यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई। प्रदर्शनकारी छात्रों को संसद की तरफ बढ़ने से रोक दिया गया, जिस कारण पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक भी हुई। प्रशासन ने संसद भवन के पास स्थित तीन मेट्रो स्टेशनों के गेट बंद कर दिए, ताकि छात्रों को संसद पहुंचने से रोका जा सके। पुलिस ने इसके पहले संसद भवन की तरफ बढ़ रहे छात्रों को रोकने के लिए सफदरजंग मकबरे के पास बैरिकेड्स लगा दिए।
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सैकड़ों छात्रों का विरोध प्रदर्शन
छात्र छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। वे अपने विरोध प्रदर्शन को जारी रखने के लिए सफदरजंग मकबरे के पास जमा हुए। उन्होंने शुल्क वृद्धि वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी की। इसके पहले, हाथों में पोस्टर लिए और शुल्क में छह गुना बढ़ोतरी के खिलाफ नारे लगाते हुए सैकड़ों की संख्या में छात्र दिल्ली की सड़कों पर उतर गए। छात्रों ने धारा 144 तोड़ दी और संसद की ओर बढ़ना जारी रखा। पुलिस ने रास्ते में बैरिकेड्स लगाए, जिसे छात्र लांघने लगे। इसके बाद पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की हुई।
कई मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया
दिल्ली मेट्रो ने एक बयान में कहा कि जेएनसू छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए एहतियातन, उद्योग विहार और पटेल चौक स्टेशनों पर ट्रेन पकड़ने या उतरने की व्यवस्था खत्म कर दी गई। उद्योग भवन, पटेल चौक और केंद्रीय सचिवालय स्टेशनों के गेट अस्थायी तौर पर बंद कर दिए गए। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण सफदरजंग अस्पताल, अरविंदो मार्ग, एम्स और सफदरजंग मकबरे के पास के इलाकों में भारी जाम की स्थिति पैदा हो गई।
आश्वासन के बाद जेएनयू लौटे छात्र
शिक्षा सचिव ने छात्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए शुल्क वृद्धि को आंशिक तौर पर वापस ले लिया, और छात्रों से बातचीत के लिए सोमवार को एक समिति की घोषणा भी की। लेकिन छात्र इससे संतुष्ट नहीं हुए। वे शुल्क वृद्धि पूरी तरह वापस लेने की मांग करते रहे और देर शाम तक डटे रहे। उन्हें कहा गया कि धरना खत्म करने के बाद ही उनके प्रतिनिधियों को मंत्री से मिलने दिया जाएगा। मंत्री का आश्वासन मिलने के बाद छात्रों का हुजूम जेएनयू परिसर लौट गया।
Updated on:
19 Nov 2019 09:32 am
Published on:
19 Nov 2019 09:30 am
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