
प्रशांत भूषण ने रफाल सौदे को बताया भारत का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला, बोले- JPC करें जांच
नई दिल्ली। रफाल लड़ाकू विमान सौदा को लेकर सियासत तेज होती जा रही है। जहां एक और विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए हैं तो वहीं उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इसे भारत का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला बता दिया है। उन्होंने रविवार को चेन्नई में कहा कि रफाल सौदा भारत के रक्षा घोटालों में अबतक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। बता दें कि भूषण ने केंद्र से इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच शुरू कराने का आग्रह किया है।
126 की जगह 36 रफाल ही क्यों?: भूषण
आपको बता दें कि चेन्नई में पत्रकारों से बात करते हुए भूषण ने रफाल से संबंधित कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सरकार से पूछा है कि कैसे अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को इस परियोजना में शामिल किया जा सकता है जो कि फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन की ऑफसेट साझेदार है और उनकी अधिकतर कंपनियां कर्ज में हैं? उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यह ने केवल भारत में सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है बल्कि इसमे इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से भी समझौता किया गया है। भूषण ने आरोप लगाया कि जब वायुसेना को 126 विमानों की जरूरत है तो इसे घटाकर 36 क्यों कर दिया गया?
पीएम और रक्षामंत्री पर साधा निशाना
आपको बता दें कि प्रशांत भूषण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों ने मिलकर भारतीय वायुसेना के अधिकारियों पर दबाव बनाया है। इसलिए सेना के अधिकारी भी रफाल को लेकर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल जेपीसी जांच के लिए तैयार होना चाहिए और सभी साक्ष्य, दस्तावेज सामने रखना चाहिए। भूषण ने कहा कि सरकार कह रही है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है, लिहाजा खुलासा नहीं कर सकते, एक बेबुनियाद और तर्कहीन बात है। यदि जेपीसी के सामने ये बातें रखी जाएंगी तो इससे देश की सुरक्षा पर कोई खतरा नहीं पड़ेगा।
Published on:
23 Sept 2018 07:11 pm
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