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पत्थरबाजों के बीच छिपे थे आतंकी, आत्मरक्षा में चलाई गई गोली: सेना

भीड़ में छिपे अज्ञात आतंकवादियों ने गश्ती दल पर गोलीबारी की, जिसमें कुछ सैनिक घायल हो गए थे। इसके बाद जवानों को आत्मरक्षा के लिए तब गोलीबारी करनी पड़ गई जिसमें तीन नागरिकों की मौत हो गई थी।

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जम्मू कश्मीर: पत्थरबाजों के बीच छिपे थे आतंकी, आत्मरक्षा में चलाई गई गोली: सेना

श्रीनगर: कश्मीर के कुलगाम में सेना की ओर से चलाए जा रहे तलाशी अभियान के दौरान हिंसक झड़प में तीन नागरिकों की मौत हुई थी। सेना की ओर से पूरे मामले पर सफाई आई है। भारतीय सेना ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के एक गांव में पत्थरबाजों की भीड़ पर हमला कर रहे थे। भीड़ में छिपे अज्ञात आतंकवादियों ने गश्ती दल पर गोलीबारी की, जिसमें कुछ सैनिक घायल हो गए थे। इसके बाद जवानों को आत्मरक्षा के लिए तब गोलीबारी करनी पड़ गई जिसमें तीन नागरिकों की मौत हो गई थी।

500 पत्थरबाज सेना पर कर रहे थे हमला

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने एक बयान में कहा कि कुलगाम के हवूरा गांव में एक गश्ती दल भारी पथराव की चपेट में आ गया। उन्होंने कहा कि गश्ती दल ने वहां से निकलने की कोशिश की, लेकिन 400-500 लोगों की आक्रामक भीड़ ने गश्ती दल का पीछा किया। भीड़ बढ़ती जा रही थी और वे खतरनाक स्तर तक करीब आ गए थे।

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सेना की चेतावनी के बाद भी नहीं माने पत्थरबाज

कर्नल कालिया ने कहा कि सैनिकों ने अत्यंत संयम बरतते हुए पत्थरबाजों को पहले चेतावनी दी। लेकिन वे बाज नहीं आए और गश्ती दल पर पेट्रोल बम और पत्थर फेंकते रहे। उन्होंने कहा कि एक समय तो कुछ अज्ञात आतंकवादियों ने गश्ती दल पर गोलीबारी भी की। इसकी वजह से कुछ सैनिकों को गंभीर चोटें भी आईं।

आत्मरक्षा में चलाई गोली

प्रवक्ता ने कहा कि इसके जवाब में सैनिकों ने अपनी सुरक्षा में नियंत्रित गोलीबारी की, जिसकी वजह से कुछ लोग मारे गए हैं। जमीनी सच्चाई का पता लगाने के लिए मामले की जांच की जा रही है।

आसिया आंद्राबी की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा

इस घटना के बाद कुलगाम, शोपियां, अनंतनाग और पुलवामा में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर की अलगाववादी नेता और दुख्तरान-ए मिल्लत की प्रमुख आसिया आंद्राबी की गिरफ्तारी के बाद हुर्रियत नेताओं ने घाटी में बंद बुलाया था। जिसके बाद से घाटी में हिसंक प्रदर्शन का दौर जारी है। बता दें कि जांच एजेंसी एनआईए ने आसिया के साथ उनकी दो सहयोगियों नाहिदा नसरीन और सोफी फहमीदा को भी गिरफ्तार कर दिल्ली लाई है। हुर्रियत नेताओं ने केद्र सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाया है और कहा कि एऩआईए का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।