मामले की जांच कर रही जम्मू कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच को भी ये लगा था कि अपहरणकर्ताओं ने बच्ची को मन्नार कैंडी और एपिट्रिल 0.5 एमजी की गोलियां दी थीं। मन्नार कैंडी को स्थानीय लोग गांजा मानते हैं। इसके लिए इसी महीने की शुरुआत में बच्ची के विसरा को फरेंसिक लैब में भेजा गया था। हाल ही में अपराध शाखा को मिली मेडिकल राय के तहत डॉक्टरों ने कहा है कि आठ साल की लड़की को दी गई गोलियों से संभवत: वह सदमे की स्थिति में या कोमा में चली गई।
यह रिपोर्ट अगले हफ्ते पंजाब के पठानकोट की जिला व सत्र अदालत को सौंपी जाएगी, जो इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई को कठुआ से पठानकोट स्थानांतरित किया गया था।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की एक बच्ची के साथ जनवरी 2018 में रेप किया गया था। 10 जनवरी 2018 को बच्ची को पहले मुख्य आरोपी सांजी राम के भतीजे ने कथित रूप से अगवा कर लिया था और 14 जनवरी को बच्ची हत्या कर दी गई। उसका शव 17 जनवरी को मिला था। बच्ची के साथ रेप की वारदात को भी अंजाम दिया गया था।