
मुख्यमंत्री पी विजयन
नई दिल्ली। केरल में पहली बार किसी मुख्य राजनीतिक पार्टी टू टर्म नार्म के तहत उन नेताओं के टिकट काट दिए हैं, जो लगातार दो बार से विधायक का चुनाव जीत रहे थे। सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआईएम ने एक बड़ा कदम उठाया है। पार्टी के इस नए नियम का असर बुधवार को पार्टी की तरफ से जारी उम्मीदवारों की सूची में देखने को मिला है।
लेफ्ट पार्टी पहली बार टू टर्म नॉर्म लेकर आई है। वह देश की पहली पार्टी है, उसने चुनाव से ठीक पहले इतना बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत पार्टी ने यहां 83 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इसमें 33 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया गया।
यह वह विधायक हैं, जो लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। इसमें सरकार के पांच मंत्री और स्पीकर का भी नाम शामिल किया गया है। टिकट न मिलने वाले मंत्रियों में वित्त मंत्री टीएम थॉमस इसाक, पीडब्ल्यूडी मंत्री जी सुधाकरन, शिक्षा मंत्री प्रोफेसर जी रवींद्रनाथ, संस्कृति मंत्री एके बालन और उद्योग मंत्री ईपी जयराजन का नाम शामिल हैं।
गौरतलब है कि इस बार ऐसे वरिष्ठ नेताओं को टिकट दिया गया है, जिन्होंने 2019 लोकसभा में चुनाव लड़ा था और हार गए थे। इनमें एमबी राजेश, पी राजीव, वीएन वासवान और केएन बालगोपाल जैसे वे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। पार्टी की तरफ से 12 महिला उम्मीदवारों को भी टिकट देने की घोषणा की गई है, जिसमें सिटिंग विधायक वीणा जॉर्ज और अधिवक्ता यू प्रतिभा को दोबारा से मौका दिया गया है।
सीपीआईएम की राज्य ईकाई ने इस तरह के नियम को लाने की कोशिश की है। इस नियम से पार्टी का हर कार्यकर्ता नाराज हैं। राज्य के कई हिस्सों में पार्टी कैडर के लोगों ने इसपर ऐतराज जताया है। कुछ कमेटी के नेता भी इससे बिल्कुल सहमत नहीं हैं। मगर इस मामले पर सीपीआईएम नेता और मुख्यमंत्री पी विजयन का कहना है कि अगले चुनाव के दौरान वे भी टू टर्म नॉर्म के अंदर आएंगे, इसलिए यह नियम हर किसी के लिए है।
Published on:
10 Mar 2021 06:53 pm
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