7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

केरलः दो हफ्तों में बाढ़ से 20 मौतें, कांग्रेस ने की वाम सरकार की खिंचाई

कोट्टायम और अलाप्पुझा जिले राज्य में बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं। आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश से प्रभावित 14 में से आठ जिलों में सामान्य जीवन वापस पटरी पर लौट रहा है।

2 min read
Google source verification
Flood

केरलः दो हफ्तों में बाढ़ से 20 मौतें, कांग्रेस ने की वाम सरकार की खिंचाई

तिरुअनंतपुरम। केरल में आई भारी बाढ़ से जहां एक ओर जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नीत विपक्ष ने पिनाराई विजयन सरकार पर हालात से निपटने और राहत- बचाव कार्यों में ढिलाई बरतने पर निशाना साधा है। कोट्टायम और अलाप्पुझा जिले राज्य में बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं। आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश से प्रभावित 14 में से आठ जिलों में सामान्य जीवन वापस पटरी पर लौट रहा है।

दो हफ्तों में 20 की मौत

अधिकारियों ने कहा कि पिछले दो हफ्तों में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई। साथ ही करीब एक हजार करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। कोट्टायम और अलाप्पुझा जिलों के बाढ़ग्रस्त कुट्टनाद इलाके का दौरा करने वाले विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने राज्य सरकार को हालात से तत्परता से नहीं निपटने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार में शामिल तीन मंत्री अलाप्पुझा जिले से हैं। केवल आज ही उनमें से एक स्थिति का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय टीम के साथ यहां पहुंचा है।'

'गजब है, एक भी मंत्री मिलने नहीं आया'

अलाप्पुझा के समीप मीडिया से बात करते हुए चेन्नीथला ने कहा, 'गजब की बात है कि एक भी मंत्री यहां लोगों से मिलने नहीं आया। राहत शिविरों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। मुख्यमंत्री को इस आपात हालात से निपटने के लिए विशेष कैबिनेट बैठक बुलानी चाहिए।' राज्य सरकार में पीडब्लूडी मंत्री जी सुधारकरण केंद्रीय टीम के साथ यहां पहुंचे और आरोपों को खारिज करते हुए कहा, 'सरकार जो कर सकती है वह कर रही है। दवाइयों, पानी और भोजन के साथ-साथ सभी तरह की मदद दी जा रही है। किसी मंत्री के दौरे से कोई फर्क नहीं पड़ता।' कुट्टनाद से विधायक थॉमस चांडी ने कहा कि बढ़ते जलस्तर से बचने के लिए उन्हें अपने परिवार को स्थानांतरित करना पड़ा। चांडी ने कहा, 'राहत और प्रभावित लोगों की मदद के लिए मैंने अपनी तीन नावें मुहैया कराई हैं।'


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग