
केरल: सबरीमाला के बाद महिलाओं के मजिस्दों में प्रवेश की मांग ने पकड़ा जोर, हाईकोर्ट में याचिका दायर
नई दिल्ली। केरल के सबरीमला मंदिर को लेकर महिलाओं के पक्ष में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब मस्जिदों में भी उनके प्रवेश की मांग जोर पकड़ने लगी है। केरल हाईकोर्ट में एक हिंदुवादी संगठन ने बुधवार को जनहित याचिका दायर की है। याचिका में याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया की कि वह केंद्र को महिलाओं को नमाज के लिए मस्जिदों में प्रवेश के लिए आदेश जारी करने का निर्देश दे। याचिकाकर्ता ने सबरीमला मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि मुस्ल्मि महिलाओं के नमाज के समय मस्जिदों में उनका प्रवेश समय की मांग है। ताकि सबरीमाला मामले की तरह ही यहां भी महिलाओं को पुरुषों की बराबरी का दर्जा दिया जा सके।
याचिकाकर्ता ने कहा कि नमाज के समय महिलाओं को मस्जिदों में प्रवेश से रोकना उनके साथ भेदभाव को दर्शाता है। आपको बता दें कि केरल हाईकोई में यह याचिका देथात्रेय साई स्वरुप नाथ नाम के शख्स की ओर से दायर की गई है। नाथ अखिल भारत हिंदू महासभा की केरल इकाई के अध्यक्ष हैं। आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में 10-50 वर्ष की महिलाओं को प्रवेश देने संबंधी संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाओं पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस याचिका का खारिज कर दिया। दरअसल, पुनर्विचार याचिका पर वहीं न्यायाधीश पुर्नविचार करते हैं, जिनकी ओर से यह फैसला आया हो।
उधर, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने साफ कर दिया है कि प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल उम्र की महिलाओं को प्रवेश का आदेश देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केरल सरकार की ओर से पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की जाएगी।
Updated on:
11 Oct 2018 02:11 pm
Published on:
11 Oct 2018 10:56 am
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