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किसान आंदोलन: अन्नदाता सडक़ों पर, जनता उलझी जाम के जंजाल में

Highlights. - तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली मार्च से सियासत सुलग गई है - बड़ी संख्या में पंजाब से दिल्ली जा रहे किसानों को हरियाणा के करनाल में पुलिस आंसू गैस और वाटर कैनन का सामना करना पड़ा - राशन-पानी के साथ दिल्ली कूच कर रहे किसानों का आंदोलन आर-पार की लड़ाई में बदलता दिख रहा है

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Ashutosh Pathak

Nov 27, 2020

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नई दिल्ली.

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली मार्च से सियासत सुलग गई है। गुरुवार को बड़ी संख्या में पंजाब से दिल्ली जा रहे किसानों को हरियाणा के करनाल में पुलिस आंसू गैस और वाटर कैनन का सामना करना पड़ा। किसानों ने पुलिस बैरिकेट्स तोडक़र करना झील में फेंक दिए। राशन-पानी के साथ दिल्ली कूच कर रहे किसानों का आंदोलन आरपार की लड़ाई में बदलता दिख रहा है। उग्र किसानों ने अंबाला, करनाल और कुरुक्षेत्र में बवाल मचा रखा है।

किसानों का दिल्ली प्रवेश रोकने के लिए पुलिस दिल्ली की सीमा पर जगह-जगह बैरिकेड्स वाहनों की तलाशी ले रही है। इससे दिल्ली से जुड़े हरियाणा और उāार प्रदेश के रास्तों पर जगह-जगह ल्बा जाम लगा रहा। दिल्ली और एनसीआर के बीच मेट्रो सेवाएं गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी स्थगित कर दी गई हैं। इससे भी जनता की दिकतें बढ़ गई हैं। अंबाला में पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों में जबरदस्त भिड़ंत हुई।

सडक़ें खोदीं, ड्रोन से कड़ी निगरानी

कसान सिंघू बॉर्डर के रास्ते दिल्ली आने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए दिल्ली-करनाल हाइवे पर गनौर के पास सडक़ों को खोद दिया गया है। हाइवे पर हर गतिविधि की कड़ी निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं।


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