
Farmer Protest: किसान संगठनों की बैठक में सरकार को जवाब, 29 दिसंबर को बुलाई जाए बैठक
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी प्रदर्शन ( protest against agricultural laws ) के बीच किसानों ने केंद्र सरकार से वार्ता के लिए 29 दिसंबर का दिन रखा है। कृषि कानूनों ( agricultural laws ) पर बातचीत वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) के प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा ( sanyukt kisaan morcha ) के बैनर तले किसानों ने आज यानी शनिवार को एक बैठक की। सिंघु बोर्डर ( Singhu border ) पर हुई बैठक में तय हुआ कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे एक बैठक का आयोजन करे। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को किसानों को संबोधित करते हुए कृषि कानूनों पर बातचीत का प्रस्ताव रखा था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि इन कानूनों में किसानों के हितों को तरजीह दी गई है। किसानों का नुकसान किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार कृषि कानूनों के साथ ही किसानों से जुड़े हर मसले पर खुले दिमाग से बातचीत करने को तैयार है।
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का आज 31वां दिन है। बावजूद इसके स्थिति जस की तस बनी हुई है। सिंघु बोर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की हुई बैठक में सरकार के नाम एक पत्र भी लिखा गया, जिसमें कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई। पत्र में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 24 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्रालय पत्र मिला। अफसोस की बात है कि इस पत्र में केंद्र सरकार और किसानों के बीच हुई पिछली बैठकों की जानकारी छिपाई गई। जो देश को गुमराह करने वाली है। मोर्चा की ओर से कहा गया कि हमनें हर बैठक में कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की है। लेकिन आप के पत्र में कहा जाता है कि सरकार किसानों की मांग सम्मानजनक तरीके से सुनना चाहती है। अगर आप सचमुच ऐसा चाहते हैं तो पहले किसानों की ओर से उठाए जा रहे मुद्दों को लेकर देश की जनता का भ्रमित न करें।
किसान मोर्चा ने कहा कि अगर सरकार किसानों से जुड़े हर मुद्दे पर बातचीत करने को तैयार है तो 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे एक बैठक बुलाई जाए, जिसमें केंद्र सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हो।
Updated on:
26 Dec 2020 07:08 pm
Published on:
26 Dec 2020 06:39 pm
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