गौरतलब है कि बायसी थाना क्षेत्र स्थित मझुआ गांव में गत 19 मई की रात को महादलित बस्ती में 13 घरों को जलाकर राख कर दिया गया। आरोप है कि इस घटना को समुदाय विशेष से जुड़े लोगों ने अंजाम दिया। घटना में एक बुजुुर्ग नेवालाल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। नेवालाल चौकीदार करते थे। घरों को जलाकर राख करना, बुजुर्ग को पीट-पीटकर मार डालने के अलावा इन वहशियों ने महादलितों की बहू-बेटियों की आबरू तक लूटने की कोशिश की।
-
घटना वाली रात को याद करते हुए मझुआ गांव की धनवंती देवी कांप उठती हैं। उनके मुताबिक, सैंकड़ों लोगों की भीड़ उस रात महादलितों की बस्ती में घुस आई। सामने जो दिखा उसे बेरहमी से पीटा, फिर घरों में पेट्रोल छिडक़कर आग लगाने लगे। करीब 13 घरों को जलाकर राख कर दिया गया। नेवालाल की तो इतनी बुरी तरह पिटाई की गई कि उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। दावा किया जा रहा है कि घटना को अंजाम देने वाले रोहिंग्या मुसलमान थे।
वहीं, इस दुखद घटना पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन यानी एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमाम ने दावा किया है कि यह जमीन विवाद को लेकर चली आ रही रंजिश का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रशासन की लापरवाही और सुस्त रवैए का परिणाम है। उन्होंने कहा, मुझे इस बात की जानकारी नहीं कि घटना को किसने अंजाम दिया। इस क्षेत्र में कहीं रोहिंग्या मुसलमान नहीं हैं। यदि हैं तो प्रशासन क्या कर रहा है। वहीं, बायसी से एआईएमआईएम के विधायक सैय्यद रुकनुददीन ने दावा किया कि घटना को कुछ अपराधियों ने अंजाम दिया है और प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है।
-
बिहार सरकार के खनन एवं भूतत्व मंत्री जनक राम भी पीड़ित परिवार के हक और न्याय के लिए सामने आए हैं। जनक राम ने पूर्णिया के डीएम और एसपी को पत्र लिखकर एससी/एसटी एक्ट के तहत मुआवजा देने, कपड़े, बर्तन और अन्य सुविधा देने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी दलित परिवार को घर देने के लिए भी डीएम को पत्र लिखा है। जनक राम ने कहा कि घटना के तत्काल बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मामले को खुद संज्ञान लिया और सीएम के संज्ञान में मामला आते ही 5 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है।