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कुलभूषण जाधव केस पर ICJ में सुनवाई, जानिए क्या है पूरा मामला

जासूसी करने और आतंकवाद फैलाने के आरोप में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया है। हालांकि भारत ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए कहा है कि कुलभूषण जाधव का ईरान से अपहरण किया गया है और पाकिस्तान ने वियना संधि का भी उल्लंघन किया है।

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कुलभूषण जाधव

अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव में सुनवाई हो रही है।

नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में वर्षों से बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में सोमवार से सुनवाई शुरू हो गई है। भारत और पाकिस्तान अपनी-अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में वकील हरीश साल्वे भारत की ओर से कुलभूषण जाधव के पक्ष में अपनी दलील रख रहे हैं। हालांकि अब सुनवाई पूरी होने के बाद यह साफ हो पाएगा कि अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट कुलभुषण मामले में दोनों पक्षों के सुनने के बाद क्या निर्णय लेती है।

4 दिनों तक चलेगी सुनवाई

आपको बता दें कि कुलभुषण जाधव के मामले पर सोमवार से सुनवाई शुरु हो चुकी है। यह सुनवाई चार दिनों तक चलेगी। इस मामले में भारत की तरफ से वकील हरीश साल्वे पक्ष रख रहे हैं तो वहीं पाकिस्तान की तरफ से वकील खावर कुरैशी अपनी दलील पेश कर रहे हैं। सोमवार को भारत अपना पक्ष रखेगा, जबकि मंगलवार यानी 19 फरवरी को पाकिस्तान अपनी दलील रखेगा। इसके बाद 20 फरवरी को भारत अपना जवाब देगा। 21 फरवरी को पाकिस्तान भारत के सवालों का जवाब देगा। बता दें कि दोनों देशों की ओर से अपनी दलील और तथ्य पेश किए जाने के बाद अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट इसपर अपना फैसला सुनाएगा। ऐसा कयास लगाए जा रहे हैं कि मई-जून तक इस मामले में फैसला आ सकता है।

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क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि कुलभूषण जाधव का मामला मार्च, 2016 का है। दरअसल पाकिस्तान की ओर से यह कहा गया है कि पाक आर्मी ने कुलभूषण जाधव को अफगानिस्तान में जासूसी करने के आरोप में बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया है। इसके बाद पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट ने 10 अप्रैल 2017 को कुलभूषण जाधव को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई। इसको लेकर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया और फिर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में अपील की। इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कुलभूषण की सजा पर रोक लगा दी थी। भारत ने अपना पक्ष रखते हुए इससे पहले कहा है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी आर्मी ने उन्हें अफगानिस्तान के बॉर्डर से अपहरण किया है। भारत ने यह भी तथ्य रखे हैं कि कुलभूषण जाधव को ईरान से पकड़ा गया है और बलूचिस्तान से फर्जी गिरफ्तारी दिखाई है। इस बात का खुलासा पाकिस्तान में जर्मनी के पूर्व राजदूत गुंटक मुलक ने किया था। इसके अलावा भारत ने यह भी दलील दी कि पाकिस्तान ने वियना संधि का भी उल्लंघन किया है। पाकिस्तान से 16 बार काउंसलर एक्सेस मांगा गया, लेकिन पाकिस्तान लगातार काउंसलर एक्सेस देने से मना करता रहा है। जिसके बाद से 18 मर्इ 2017 को सुनवाई करते हुए अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि मामले की सुनवार्इ पूरी होने तक जाधव को फांसी न दी जाए।

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कौन है कुलभूषण जाधव?

आपको बता दें कि कुलभूषण जाधव का जन्म 1970 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। इन्होंने 1987 में नेशनल डिफेन्स अकैडमी में प्रवेश लिया तथा 1991 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। सेवानिवृति के बाद कुलभूषण जाधव ने ईरान में अपना व्यापार शुरू किया था। लेकिन 29 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने इन्हें अपहरण कर लिया और ब्लूचिस्तान से फर्जी गिरफ्तारी बताई। 11 अप्रैल 2017 को पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट द्वारा मौत इन्हें मौत की सजा सुनाई जिसका भारत सरकार ने कड़ा विरोध किया है।

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क्या है वियना संधि?

आपको बता दें कि ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में 1961 में आजाद और संप्रभु देशों के बीच आपसी राजनयिक संबंधों को लेकर एक सम्मेलन हुआ था जहां कई संधियों पर संबंधित देशों ने हस्ताक्षर किए गए थे। जिसे वियना संधि कहते हैं। इसमें एक ऐसा प्रावधान किया गया है जिसके तहत राजनियकों को विशेष अधिकार दिए गए हैं। इस संधि के तहत मेजबान देश अपने यहां रहने वाले दूसरे देशों के राजनियकों को खास दर्जा देता है। कोई भी देश दूसरे देश के राजनियकों को किसी भी कानूनी मामले में गिरफ्तार नहीं कर सकता है। इसके अलावा राजनयिक के ऊपर मेजबान देश में किसी तरह का कस्टम टैक्स नहीं लगेगा। बता दें कि इस संधि के तहत कुल 54 आर्टिकल हैं। फरवरी 2017 में इस संधि पर कुल 191 देश दस्तखत कर चुके थे।

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